976 रसोइया को शासन से नौकरी का अभयदान
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: मध्याह्न् भोजन पकाकर बच्चों में परोसने वाली रसोइयो की नौकरी में आया संकट शासन ने खत्म कर दिया है। पाल्यों के पढ़ने की बाध्यता के साथ नौकरी के मामले में शिथिलता दी है। जिले में 976 रसोइया ऐसी काम कर रही थी जिनकी नौकरी में संकट आ गया था जिनके लड़के और लड़की स्कूल छोड़ चुके थे। पूर्व के नियमों के तहत स्थानीय प्रशासन इनकी सेवाएं ठप करने की योजना पर काम कर रहा था।
पूर्व के नियमों के पालन के तहत मार्च माह में एक वर्षीय रसोइया चयन का काम हो जाना चाहिए था। चुनाव आचार संहिता के चलते यह काम नहीं हो पाया और फिर ठंडे बस्ते में चला गया। ब्लाक स्तर और स्कूल स्तर पर शिकायतों का अंबार लग गया जो नवीन चयन के लिए आवेदन आदि की भरमार शुरू हो गई। सालों से खाना बनाने का काम कर रही रसोइया चिंता में डूब गईं। परेशान रसोइया अधिकारियों की चौखट नापने लगी। प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षाधिकारी से न हटाने की बात रखने लगी थी। गांवों से इसकी शिकायतें पहुंची तो शासन ने नया आदेश जारी कर दिया। विशेष सचिव देवेश प्रताप सिंह ने व्यवस्था दी है कि चालू सत्र में ऐसी कोई रसोइया नहीं हटाई जाएगी जिसके पाल्य विद्यालय में मौजूदा समय में नहीं पढ़ रहे हैं। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह दूसरे विद्यालयों में चले गए हैं तो रसोइया की नौकरी पर कोई आंच नहीं आएगी। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने कहाकि चालू सत्र में अब ऐसी दशा में कोई रसोइया नहीं हटाई जाएगी। विशेष सचिव का आदेश सभी खंड शिक्षाधिकारियों को भेजते हुए पालन कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
’>>पाल्यों के स्कूल में पढ़ने की बाध्यता में मिली छूट
’>>विशेष सचिव ने बीएसए को जारी किया निर्देश पत्र