फर्जी डिग्री पर कनाडा में पाई नौकरी
गौरव प्रताप सिंह ’ आगरा1डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के अंकपत्र और डिग्री पर कनाडा में नौकरी को दो दर्जन यळ्वकों ने आवेदन किया था। वहां नौकरी मिलने पर उनके द्वारा वीजा के लिए कनाडा दूतावास में आवेदन किया गया। वहां से मार्क्सशीट्स और डिग्री विवि में सत्यापन को भेजी गईं। लेकिन विवि प्रशासन मामले को दबाए रहा। इसके बाद कनाडा दूतावास ने आइईटी (इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी) के निदेशक से मेल कर जानकारी मांगी। निदेशक ने संस्थान के रिकॉर्ड में सभी के नाम चेक किए तो वह सभी फर्जी निकले। 1 करीब 10 माह पहले कनाडा में नौकरी को आवेदन करने वाले यळ्वकों ने विवि के खंदारी स्थित आइईटी के बीई कोर्स के अंकपत्र व डिग्रियां लगाई हैं। एक ने तो आइटी ब्रांच से वर्ष 2017 में अपने को बीई दिखाया, जबकि यहां आइटी ब्रांच वर्ष 2017 में चल ही नहीं रही थी। इन सभी के अच्छे मार्क्स देख वहां से नौकरी को हरी झंडी मिल गई। इसके बाद इनके द्वारा वीजा को आवेदन किया गया। कनाडा दूतावास ने करीब आठ माह पहले सत्यापन के लिए विवि में ऑनलाइन आवेदन किया था। दूतावास ने कई बार विवि प्रशासन को मेल भी किए लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद दूतावास ने आइईटी के निदेशक की मेल आइडी इंटरनेट के माध्यम से खोजी। मेल आइडी मिलने पर उनको सभी अंकपत्र व डिग्रियां सत्यापन को भेजीं। निदेशक ने शनिवार को दूतावास को इनके फर्जी होने की जानकारी दे दी। सोमवार को विवि खळ्लने पर वह विवि प्रशासन को भी अवगत कराएंगे।गौरव प्रताप सिंह ’ आगरा1डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के अंकपत्र और डिग्री पर कनाडा में नौकरी को दो दर्जन यळ्वकों ने आवेदन किया था। वहां नौकरी मिलने पर उनके द्वारा वीजा के लिए कनाडा दूतावास में आवेदन किया गया। वहां से मार्क्सशीट्स और डिग्री विवि में सत्यापन को भेजी गईं। लेकिन विवि प्रशासन मामले को दबाए रहा। इसके बाद कनाडा दूतावास ने आइईटी (इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी) के निदेशक से मेल कर जानकारी मांगी। निदेशक ने संस्थान के रिकॉर्ड में सभी के नाम चेक किए तो वह सभी फर्जी निकले। 1 करीब 10 माह पहले कनाडा में नौकरी को आवेदन करने वाले यळ्वकों ने विवि के खंदारी स्थित आइईटी के बीई कोर्स के अंकपत्र व डिग्रियां लगाई हैं। एक ने तो आइटी ब्रांच से वर्ष 2017 में अपने को बीई दिखाया, जबकि यहां आइटी ब्रांच वर्ष 2017 में चल ही नहीं रही थी। इन सभी के अच्छे मार्क्स देख वहां से नौकरी को हरी झंडी मिल गई। इसके बाद इनके द्वारा वीजा को आवेदन किया गया। कनाडा दूतावास ने करीब आठ माह पहले सत्यापन के लिए विवि में ऑनलाइन आवेदन किया था। दूतावास ने कई बार विवि प्रशासन को मेल भी किए लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद दूतावास ने आइईटी के निदेशक की मेल आइडी इंटरनेट के माध्यम से खोजी। मेल आइडी मिलने पर उनको सभी अंकपत्र व डिग्रियां सत्यापन को भेजीं। निदेशक ने शनिवार को दूतावास को इनके फर्जी होने की जानकारी दे दी। सोमवार को विवि खळ्लने पर वह विवि प्रशासन को भी अवगत कराएंगे।