मेरठ : अजब-गजब खेल, नौवीं कक्षा में फेल बन गया सरकारी टीचर, ऐसे खुली पोल
जांच में पाया गया कि प्राइमरी स्कूल का टीचर सिद्धार्थ सरस्वती दो अलग-अलग स्कूलों में साल 1991 और 1992 में नौवीं कक्षा में फेल है. हालांकि, दस्तावेज में हाईस्कूल पास बताया गया है.
News18 Hindi | News18 Uttar Pradesh |October 14, 2019, 10:46 AM IST
मेरठ. नौवीं फेल छात्र ने दसवीं की फर्जी मार्कशीट बनवाकर सरकारी टीचर की नौकरी हासिल कर ली. इस घालमेल की वर्षों बाद पोल खुली तो हड़कंप मच गया. एक शिक्षक की शिकायत पर जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ सदर बाजार थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हलचल मचा हुआ है.
ऐसे हुआ खुलासा
मामला सनातन धर्म इंटर कॉलेज (सदर) का है. शिक्षक सिद्धार्थ सरस्वती (प्राइमरी) ने प्रधानाचार्य और भौतिक विज्ञान के शिक्षक मनोज कुमार पर जातिसूचक शब्द बोलने का आरोप लगाकर सदर बाजार थाने में शिकायत की थी. वहीं, कॉलेज प्रधानाचार्य ने भी जिला विद्यालय निरीक्षक के यहां पर अपनी शिकायत दर्ज कराई. जांच के बाद सिद्धार्थ सरस्वती द्वारा लगाए गए आरोप गलत बताए गए. वहीं, रिपोर्ट में सामने आया कि सिद्धार्थ दो अलग-अलग स्कूलों में साल 1991 और 1992 में कक्षा नौवीं में फेल है. वहीं, साल 1994-95 में हाईस्कूल उत्तीर्ण होना बताया गया.
फर्जी मार्कशीट के सहारे हासिल की नौकरी
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, नौवीं कक्षा में फेल होने के बाद फर्जी मार्कशीट बनाई और जन्मतिथि में दो साल का अंतर दिखाकर सरकारी शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली. उसके बाद कॉलेज प्रशासन ने सिद्धार्थ सरस्वती का रिकॉर्ड भी खंगाला, जिसमें उसका नाम सिद्धार्थ गौड़ बताया गया. सिद्धार्थ के खिलाफ कोर्ट में एक वाद दायर है, जो अभी विचाराधीन है. जिला विद्यालय निरीक्षक की रिपोर्ट का हवाला देकर कॉलेज के शिक्षक मनोज कुमार ने शिकायती पत्र दिया. जिस पर सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई.
जिला विद्यालय निरीक्षक ने दिए निर्देश
जिला विद्यालय निरीक्षक गिरिजेश चौधरी ने बताया कि सहायक लेखाधिकारी नीरज वर्मा द्वारा कराई जांच में मार्कशीट में जन्मतिथि में गड़बड़ी सामने आई है. जांच रिपोर्ट यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय भेज दी गई है. अब वह जांच करेंगे कि यह गड़बड़ किस तरह की है. उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.