परीक्षा केंद्रों पर अब मनमर्जी से नहीं लगाए जा सकेंगे जैमर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर अब मनमर्जी से जैमर नहीं लगाए जा सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से इसे लेकर तय गाइड लाइन का सख्ती से पालन करने को कहा है। साथ ही कहा है कि जैमर वहीं लगाए जाएं जहां सौ मीटर के दायरे में कोई भी मोबाइल टावर (बीटीएस) न हो। साथ ही ऐसे जैमर का इस्तेमाल किया जाए, जिसका दायरा सिर्फ परीक्षा कक्ष तक ही सीमित हो।
यूजीसी ने यह निर्देश ऐसे समय दिया है, जब विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में जैमर के बढ़ते इस्तेमाल से उसके आस-पास रहने वाले आम लोगों की दिक्कतें बढ़ने लगी थीं। परीक्षा के दौरान संस्थानों के आसपास रहने वाले लोगों के मोबाइल फोन और इंटरनेट घंटों बंद हो जा रहे थे। हालांकि यह उजागर तब हुआ, जब आम लोगों ने मोबाइल कंपनियों से खराब नेटवर्क की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मोबाइल कंपनियों ने भी इसे लेकर आपत्ति जताई और जैमर के इस्तेमाल को लेकर तय गाइड लाइन का पालन न करने की शिकायत की। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने इसे लेकर जारी निर्देश में संस्थानों से तय नियमों के तहत जैमर का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं।
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के साथ ही उनसे जुड़े संस्थानों के परीक्षा केंद्रों में जैमर लगाने की यह शुरुआत 2016 में हुई थी। उस समय यूजीसी ने परीक्षाओं में मोबाइल या इस तरह की डिवाइस के जरिये होने वाली नकल पर रोकथाम लगाने के लिए यह अनुमति दी थी। हालांकि इसके साथ ही गृह मंत्रलय की ओर से जैमर के इस्तेमाल को लेकर तय गाइड लाइन का पालन करने को कहा था। लेकिन मौजूदा समय में जिस तरह से सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल शुरू हुआ है, उससे एक नई तरह की समस्या खड़ी हो रही थी।