ड्रेस में भ्रष्टाचार, चार फर्मो का रोका भुगतान
जासं, लखनऊ : परिषदीय स्कूलों के बच्चों को ड्रेस वितरण के कपड़े में भी भ्रष्टाचार और घालमेल करने वाली चार फर्मो का भुगतान बेसिक शिक्षाधिकारी के निर्देश पर रोक दिया गया।
चारों फर्मो ने विद्यालयों में जो ड्रेस सप्लाई की थी उसमें 35 फीसद काटन और 67 फीसद पॉलिस्टर जो तय मानक हैं। उसमें न्यूनतम पाया गया। बीएसए ने यह जिलाधिकारी और सीडीओ को रिपोर्ट भेजी है। आगे की कार्रवाई समिति के निर्देश पर तय होगी। वहां से संस्तुति के बाद फर्म के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बीएसए ने इस बाबत विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि उक्त फर्मो में से किसी का भुगतान न किया जाए। बीएसए ने बताया कि ड्रेस का कपड़ा मानक के अनुरूप नहीं था। लैब की टेस्टिंग रिपोर्ट में इसकी जानकारी हुई है। इसके बाद फर्मो का भुगतान रोक दिया है। प्रति बच्चे को दो ड्रेस का वितरण किया जाता है। प्रति ड्रेस की कीमत 300 रुपये होती है। बीते माह बीएसएस दफ्तर और खंड शिक्षाधिकारियों ने बीकेटी, मलिहाबाद, सरोजनीनगर समेत कई क्षेत्रों में औचक निरीक्षण किया था। इस बीच विद्यालयों में बांटी गई ड्रेस का सैंपल लिया गया। ड्रेस का सैंपल कानपुर सवरेदयनगर कानपुर स्थित क्षेत्रीय प्रयोगशाला वस्त्र समिति वस्त्र मंत्रलय भारत सरकार द्वारा परीक्षण कराया गया था।
35 फीसद काटन और 67 फीसद पॉलिस्टर के मानक में थी कमी जिलाधिकारी और सीडीओ को बीएसए ने भेजी रिपोर्ट
इन फर्मो ने की थी ड्रेस की सप्लाई
मेसर्स गुप्ता वस्त्रलय सआदतगंज
गुप्ता वस्त्रलय सआदतगंज
अभय कांट्रैक्टर एवं सप्लायर हरदोई रोड
प्रेम वस्त्रलय मिरागंज मलिहाबाद