एमडीएम आडिट में छूटा शिक्षकों का पसीना
सदर विकास क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में चार वर्ष में बनवाये गए एमडीएम की आडिट शनिवार को की हुई। आडिट टीम को ब्योरा देने में शिक्षकों का पसीना छूट गया। शनिवार को सहकारी समितियां एवं पंचायत विभाग द्वारा एमडीएम में खर्च हुए धन की आडिट की गई।...
सिद्धार्थनगर: सदर विकास क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में चार वर्ष में बनवाये गए एमडीएम की आडिट शनिवार को की हुई। आडिट टीम को ब्योरा देने में शिक्षकों का पसीना छूट गया। शनिवार को सहकारी समितियां एवं पंचायत विभाग द्वारा एमडीएम में खर्च हुए धन की आडिट की गई। आडिट के दौरान जिम्मेदारों को बैंक से स्टेटमेंट लेने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
नौगढ़ ब्लाक के सरकारी विद्यालयों में बच्चों को दिया जाने वाला पका पकाया भोजन के लिए प्रत्येक विद्यालय के बैंक खातों में शासन से धनराशि भेजी जाती हैं। मार्च 2015 से मार्च 2019 तक एमडीएम मद के तहत रसोईया मानदेय, खाद्यन्न व कन्वर्जन कास्ट पर खर्च हुए धन का आडिट किया गया। आडिट पिछले चार वर्ष का होना है इसलिए बैंक से स्टेटमेंट के लिए शिक्षकों को इलाहाबाद बैंक के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। उसके बाद भी स्टेटमेंट नहीं मिल पा रहा है। मुख्य लेखा परिषद सहकारी समिति लखनऊ के ज्येष्ठ लेखा परीक्षक दिनेश कुमार पांडेय के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने आडिट टीम ने एमडीएम में हुए खर्च का ब्योरा लिया। उन्होंने बताया कि जितने भी विद्यालयों का बैंक स्टेटमेंट मिल गया था उनका आडिट हो गया। सब का आय व खर्च सही पाया गया। जिनके यहां सरकारी धन का हेराफेरी पाया जायेगा उनके खिलाफ कार्यवाई के लिए आगे लिखा पढ़ी किया जायेगा। खंड शिक्षा अधिकारी सीमा वर्मा ने बताया कि सभी अध्यापक अपने विद्यालय का आडिट के लिए समस्त कैश बुक, रजिस्टर अपडेट करके करवायें । अरुण कुमार सिंह, आलोक श्रीनेत, वीरेंद्र गुप्ता, धर्मेन्द्र कुमार, त्रिलोकीनाथ, अनिल पाण्डेय, सुलेश्वर सिंह, श्याम सुन्दर चौधरी, आरती चौधरी, मिना वर्मा, रीता चौधरी, नीलम चौहान, मदनलाल जायसवाल, नियाज अहमद, महाजरूल आदि मौजूद रहे।