झाँसी : साठ शिक्षकों को मिली एनपीएस कटौती की सजा
साठ शिक्षकों को मिली एनपीएस कटौती की सजा
—बबीना ब्लॉक के नए शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के एरियर की फूटी कौड़ी भी नहीं हुई नसीब
झांसी। हवन करते हुए भी हाथ जलने की कहावत तो आपने सुनी ही होगी। यह कहावत उन साठ शिक्षकों पर पूरी तरह से सच साबित हो रही है जो शासन की मंशा के अनुरूप एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) कटौती करा रहे हैं लेकिन विभागीय अधिकारी ही उन्हें इस वफादारी की सजा देने पर तुले हैं। ऐसा ही एक मामला जिले के बबीना ब्लॉक में प्रकाश में आया है। एन पी एस की कटौती वाले लगभग साठ शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के एरियर दोनों किस्तों से वंचित कर दिया गया है। इन शिक्षकों को एरियर की फूटी कौड़ी भी नहीं नसीब हो सकी है। आक्रोशित शिक्षक अब अधिकारियों के दफ़्तर के चक्कर काट रहे हैं और जिलाधिकारी से गुहार लगाने का मन बना रहे हैं ताकि शासन के उच्च अधिकारियों को भी अपने साथ हुई नाइंसाफी की दास्तां सुना सकें।
विभाग में अधिकारी नियम कानूनों को ताक पर रखकर पूरी तरह से मनमानी पर उतारू हैं। लेखा विभाग में तो भ्रष्टाचार का आलम यह है कि कई शिक्षकों की देयकों की फाइलें महीनों बाबुओं व अधिकारियों की मेज पर धूल फांकती रहती हैं। जिले में सातवें वेतन आयोग के एरियर की प्रथम किस्त का भुगतान बीते वित्तीय वर्ष में किया गया लेकिन तीन ब्लॉक के शिक्षकों को एरियर नहीं मिल सका। लेखा विभाग के अधिकारियों ने बजट नहीं होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश थे कि प्रथम किस्त का भुगतान वित्तीय वर्ष 2018-2019 में ही कर दिया जाए। हाल ही में द्वितीय किस्त हेतु बजट जारी हुआ तो उन शिक्षकों की आस जग गई जो प्रथम किस्त से वंचित रह गए थे। पर अधिकारियों ने द्वितीय किस्त के भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी और सारा बजट उड़ा दिया। बबीना ब्लॉक के लगभग साठ ऐसे शिक्षक फिर एरियर से वंचित रह गए। उनका कसूर सिर्फ इतना है कि वे शासन की मंशा के अनुरूप एनपीएस की कटौती करा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि एनपीएस कटौती वाले शिक्षकों के बिल अलग बनते हैं और उनके बिल को अधिकारियों ने हाथ ही नहीं लगाया। इससे उन शिक्षकों में भारी आक्रोश है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ अचल सिंह के नेतृत्व में एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त एवं लेखा अधिकारी सचिन दीक्षित से मुलाकात कर एरियर से वंचित शिक्षकों का मुद्दा उठाया। जिलाध्यक्ष डॉ अचल सिंह ने बताया कि लेखाधिकारी अपनी गलती स्वीकार करने की तैयार नहीं हैं। लेखाधिकारी ने वित्त नियंत्रक से बजट आवंटन की मांग हेतु पत्र लिखा है। दो ब्लॉक के शिक्षकों को दूसरी किस्त का एरियर बजट के अभाव में नहीं मिल सका है। जल्द ही शिक्षकों के देयक का भुगतान नहीं किया गया तो जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के जिला महामंत्री सौरभ शर्मा, महेंद्र तिवारी, के के तिवारी आदि उपस्थित रहे।