आयशा बनीं एक दिन के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त
संजय मिश्र ’ नई दिल्ली
जब एक दिन के लिए भारत में ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनीं गोरखपुर की आयशा खान ने उच्चायोग के आला अधिकारियों से उनके कामकाज को लेकर सवाल दागने शुरू किए तो भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर डोमिनिक एसक्वीथ भी हैरत में पड़ गए। दुनिया और जिंदगी के सरोकारों को लेकर शायद उसकी जागरूकता और संजीदगी ही यह वजह रही कि आयशा ने महानगरीय पृष्ठभूमि की लड़कियों को मात देते हुए एक दिन के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त बनने की प्रतिस्पर्धा में बाजी मारी।
आयशा ने ब्रिटिश उच्चायुक्त के सरकारी आवास पर दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि यह कामयाबी वास्तविक सपने के सच होने जैसा है। गोरखपुर शहर के शिवपुर शहबाजगंज की रहने वाली आयशा ने कहा कि केवल महानगरों की ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों की लड़कियों में भी बड़े मुकाम छूने का जज्बा और क्षमता है। इन लड़कियों को तलाश है तो बस मौके की जो उन्हें अभी कम मिल पाते हैं।
आयशा इस लिहाज से खुद को काफी खुशकिस्मत मानती हैं कि गोरखपुर जैसे शहर की पृष्ठभूमि में भी उनके माता-पिता ने पढ़ाई लिखाई की पूरी सुविधा और आजादी दी। खासकर उनके दादा ने बेहद प्रोत्साहित किया और इसीलिए परिवार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कालेज में पढ़ने के लिए भेजने में आनाकानी नहीं की। आयशा कहती हैं कि उन्हें तो भरोसा ही नहीं था कि इतने बड़े स्तर की प्रतिस्पर्धा में उनके लिए कोई जगह भी होगी। मगर इसके नतीजों के बाद वह छोटे शहरों और गांव-कस्बों की लड़कियों से यही कहेंगी कि अपने लक्ष्य की ओर वह हौसले के साथ बढ़ेंगी तो कामयाबी की मंजिल आएगी ही।
ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक ने आयशा की प्रतिभा की तारीफ करते हुए कहा कि एक दिन की ब्रिटिश उच्चायुक्त की यह पहल काफी प्रतिस्पर्धी हो गई है। पिछले साल से तीन गुने से अधिक प्रतिभागियों के बीच सघन और कठिन चयन प्रक्रिया को पार कर आयशा ने कामयाबी हासिल की।
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