संस्कृत महाविद्यालयों में नियुक्ति का रास्ता साफ
यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने अधिवक्ता कुष्माण्डेय शाही को सुनकर राज्य सरकार की विशेष अपील पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार पदों का सृजन व यूजीसी मानकों के अनुसार वेतन निर्धारण नहीं कर लेती तब तक विश्वविद्यालय की परिनियमावली के तहत भर्ती जारी रखी जाए।
संस्कृत महाविद्यालयों में अभी तक हाईस्कूल व इंटर कॉलेज (अध्यापक कर्मचारी वेतन भुगतान) कानून 1971 के तहत वेतन दिया जा रहा है। उसे यूजीसी के मानकों के अनुसार निर्धारित किया जाना है। राज्य सरकार ने 20 दिसंबर 2001 को संस्कृत महाविद्यालयों के अध्यापकों की भर्ती उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग को सौंप दिया। कहा कि संस्कृत विद्यालयों में पदों के सृजन व वेतन का निर्धारण किया जाय।