गरीब बच्चों का जीवन संवार रहे कांस्टेबल धर्मवीर
राजस्थान ही नहीं, देश में कहीं भी पुलिस महकमे और पुलिसकर्मी का नाम सुनते ही जेहन में एक ऐसी खौफनाक तस्वीर आती है जिसका सामना कोई भी नहीं करना चाहता। पुलिस को हमेशा सख्ती और रौब के लिए जाना जाता है।
चूरू पुलिस थाने में तैनात कांस्टेबल धर्मवीर गरीब और बेसहारा बच्चों का जीवन संवारने में जुटे हैं। इसके लिए उन्होंने ‘आपणी पाठशाला’ (अपनी पाठशाला) नाम से एक स्कूल खोल रखा है। वह यहां बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देते हैं। यही नहीं, वह अपने वेतन का 20 फीसद हिस्सा भी इन बच्चों पर खर्च कर देते हैं। इस काम में उनके साथी पुलिसकर्मी भी सहयोग कर रहे हैं।
चूरू महिला पुलिस थाने के पास छोटे से स्थान पर संचालित होने वाली पाठशाला में धर्मवीर ड्यूटी पूरी करने के बाद बच्चों को स्वयं पढ़ाते हैं। गरीब और अनाथ बच्चों का जीवन संवारने का उनका यह जच्बा देखकर साथी पुलिसकर्मी भी समय निकालकर बच्चों को पढ़ाने पाठशाला पहुंचते हैं। धर्मवीर झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों के हाथों से भीख का कटोरा छीनकर उन्हें पाठशाला में लाकर कलम थमा देते हैं। वह गरीब और बेसहारा बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में जुटे हैं।
अपने वेतन का 20 प्रतिशत हिस्सा खर्च कर गरीब और बेसहारा बच्चों को पढ़ा रहा एक कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़’ जागरण
बच्चों को भीख मांगते देख होती थी पीड़ा
धर्मवीर ने कहा कि जब भी मैं शहर से होकर गुजरता था, बच्चों के हाथों में भीख मांगने का कटोरा देखता था। यह देख मुङो बहुत पीड़ा होती थी। मैं बस यही सोचता रहता था कि आखिर कैसे इनका जीवन संवारा जा सकता है। फिर क्या था एक दिन मैंने इस बाबत निर्णय ले ही लिया और ‘आपणी पाठशाला’ खोल दी। उन्होंने बताया कि मेरा उद्ेश्य ऐसे बच्चों को भीख नहीं, बल्कि सीख देना है।
डीजीपी ने थपथपाई पीठ
पिछले दिनों राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भूपेंद्र सिंह यादव चूरू जिले के दौरे पर आए तो पाठशाला में आकर धर्मवीर जाखड़ की पीठ थपथाई। यादव ने पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों के साथ संवाद भी किया। डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव ने कहा कि पुलिसकर्मी द्वारा इस तरह का कार्य करना हमारे लिए सम्मान की बात है।
’>>‘आपणी पाठशाला’ खोल देते हैं मुफ्त शिक्षा, अन्य पुलिसकर्मी भी करते हैं मदद
’>>बच्चों पर खर्च करते हैं अपने वेतन का 20 फीसद हिस्सा
लोगों की मदद से दिलाते हैं उच्च शिक्षा भी
प्राथमिक कक्षा तक पढ़ाने के बाद धर्मवीर बच्चों को सरकारी अथवा गैर सरकारी स्कूलों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश भी दिलाते हैं। इस काम में भी साथी पुलिसकर्मी व दानदाता मदद करते हैं।
पाठशाला में पढ़ रहे 170 बच्चे
धर्मवीर ने यह पाठशाला 2016 में भीख मांगने वाले गरीब और बेसहारा बच्चों का जीवन संवारने के उद्ेश्य से शुरू की थी। 34 बच्चों से शुरू हुई इस पाठशाला में अब 170 बच्चे पढ़ रहे हैं।