परिषदीय विद्यालयों में शुरू हुई परीक्षा
ब्लाक क्षेत्र में 159 प्राथमिक एवं 54 पूर्व माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। जिसमें 23,397 बच्चों का नामांकन है। जिसकी अर्ध वार्षिक परीक्षा आज से शुरू हुई। वैसे परीक्षा की तैयारी दो-तीन पहले से ही दिखाई दी, बीआरसी से प्रधानाध्यापकों को परीक्षा से संबंधित प्रश्नपत्र वितरित किए गए। निर्धारित समय पर परीक्षा प्रारंभ हुई। प्रथम पाली में प्राथमिक के कक्षा एक से पांच तक बच्चों की कला व द्वितीय पाली में शारीरिक परीक्षा संपन्न कराई गई। जूनियर वर्ग में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों की प्रथम पाली में चित्र कला एवं संगीत व दूसरी पाली में स्काउट गाइड व नैतिक शिक्षा की परीक्षाएं हुई। अमौना, सिरसिया, गौसा, इटवा, महादेव घुरऊ, सेमरा, पचपेड़वा, कठेला विभिन्न विद्यालयों में छात्र-छात्रएं परीक्षा देते देखे गए। अध्यापकों द्वारा इनकी निगरानी की जाती रही। खंड शिक्षाधिकारी रमेश चंद्र मौर्या ने कमदा लालपुर व सगरा स्थित विद्यालय का निरीक्षण करते हुए परीक्षा संबंधित व्यवस्थाओं को देखा। उन्होंने बताया कि पहले दिन कितने बच्चे परीक्षा में बैठे, इसका विवरण अभी नहीं मिल सका है। सभी प्रधानाध्यापकों की रिपोर्ट आने के बाद ही सही स्थिति का पता चल सकेगा।
परिषदीय विद्यालयों में पहले दिन की परीक्षा देते छात्र-छात्रएं ’ जागरण
डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र में 21 तारीख से शुरू हुई छमाही परीक्षाओं ने विभागीय सक्रियता की पोल खोल दी। डिजिटलाइजेशन के चक्कर में पड़ा महकमा छात्रों तक पेपर ही नहीं पहुंचा पाया। जिसका परिणाम रहा कि प्रथम पाली में अधिकांश विद्यालयों में वाट्सएप से प्रश्नपत्र भेजे गए तो द्वितीय पाली का पेपर बनाने का जिम्मा शिक्षकों पर छोड़ दिया गया।
नित्य नए-नए प्रयोगों द्वारा शिक्षकों को समय से विद्यालय पहुंचाने का प्रयास भले ही किया गया हो, पर स्वयं सुविधा देने की बारी आई तो विभाग स्वयं ही फिसड्डी साबित हो रहा है। रविवार से तहसील क्षेत्र के तकरीबन 553 परिषदीय विद्यालयों के करीब 62000 छात्रों को परीक्षा देनी थी जिसमें से 25 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी, जो विभाग के लिए सोचनीय है। डुमरियागंज ब्लाक में नामांकित 30422 के सापेक्ष 22947 बच्चों ने परीक्षा दी। इसी तरह भनवापुर में नामांकित 28095 के सापेक्ष करीब 20500 बच्चे परीक्षा में सम्मिलित हुए। तहसील क्षेत्र के खुनियांव ब्लाक से संबंधित 3000 के सापेक्ष करीब 2010 बच्चों ने परीक्षा दी।