आगरा : अंबेडकर विवि में करोड़ों रुपये का फीस घोटाला
घोटालों के लिए बदनाम हो चुके डा.आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के खाते में एक और घोटाला जुड़ गया है। पिछले पांच वर्षो के दौरान परीक्षार्थियों की संख्या के हिसाब से 10 करोड़ की फीस कम पाई गई। मामले में विवि प्रशासन ने सघन जांच शुरू करा दी है।
वित्ताधिकारी ए के सिंह ने करीब दो महीने पहले फीस के कागजात खंगाले। वर्ष 2014 से लेकर 2019 तक के परीक्षार्थियों की संख्या के हिसाब से इनसे ली गई फीस की धनराशि में करीब 10 करोड़ की हेराफेरी सामने आई। जांच की परतें उधेड़ीं तो कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हो गए।
मैनपुरी के एक कॉलेज ने सत्र 2016 में विवि प्रशासन की अनुमति से फीस की धनराशि 34 लाख रुपये का चेक विवि के अकाउंट विभाग में जमा किया था। मगर, विवि के खाते में ये रकम ट्रांसफर नहीं हुई। अकाउंट विभाग के अभिलेखों में बैंक की वो स्लिप भी थी जो चेक जमा करने के बाद ग्राहक को दी जाती है। जांच में पता चला कि बैंक की ये स्लिप फर्जी थी। संबंधित बैंक ने इस चेक को अपने यहां जमा होने से ही इन्कार किया है। आशंका है कि कॉलेज संचालक और अकाउंट विभाग की मिलीभगत से विवि को 34 लाख की चपत लगाई गई है।
ऐसे भी हुआ खेल
कॉलेज संचालक एजेंसी पर छात्र का फॉर्म भरते हैं। वहां से एमआइएस जनरेट होता है। इसे लेकर बैंक में फीस जमा करनी होती है। बैंक की मोहर लगे चालान को कॉलेज संचालक विवि के अकाउंट विभाग में जमा कर देते हैं। इस प्रक्रिया से फीस की रकम विवि के खाते में ट्रांसफर हो जाती है। जांच के दौरान पता चला है कि कई चालानों में बैंक की ये मुहर फर्जी लगाई गई थी। बैंक और एजेंसी के चालान के मिलान में इसी तरह के कई मामले उजागर हुए हैं। ये हेराफेरी भी विवि के अकाउंट विभाग की मिलीभगत के बगैर संभव नहीं है।
पांच वर्षो में परीक्षार्थियांे के हिसाब से फीस में 10 करोड़ कम आए, मैनपुरी के एक कॉलेज का 34 लाख के चेक का भी खुर्द-बुर्द