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नई दिल्ली : बलिया के राधेश्याम एक समान शिक्षा की मांग को लेकर पहुँचे दिल्ली, दंडवत मार्च निकालकर किया बड़ा ऐलान

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नई दिल्ली : बलिया के राधेश्याम एक समान शिक्षा की मांग को लेकर पहुँचे दिल्ली, दंडवत मार्च निकालकर किया बड़ा ऐलान

नई दिल्ली– दण्डवत आंदोलन शुरू करने वाले पूर्व ज़िला पंचायत सदस्य राधेश्याम यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश की सभी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को पत्र लिखकर देश में एक समान शिक्षा लागू करने की मांग की है। इसके साथ ही यादव ने अपनी मांगों को लेकर (2 अक्टूबर) को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ से प्रधानमंत्रा के आवास लोक कल्याण 7 तक दण्डवत मार्च भी निकाला। प्रधानमंत्री और सभी पार्टियों को लिखे अपने पत्र में यादव ने ये मांग की है कि देश में अमीर और ग़रीब सभी के लिए एक जैसी शिक्षा हो। उन्होंने मांग की है कि संसद में बिल लाकर सभी के लिए एक समान शिक्षा की व्यवस्था की जाए।

बलिया के बैरिया के रहने वाले राधेश्याम यादव एक समाजसेवी हैं। जो देश में एक समान शिक्षा दिए जाने की काफी लंबे समय से मांग कर रहे हैं। इससे पहले वह अपनी इसी मांग को लेकर देश में करीब 4 हज़ार किलोमीटर तक साइकिल यात्रा भी निकाल चुके हैं और दण्डवत मार्च भी कर चुके हैं। इसके लिए उन्हें 8 बार गिरफ्तार भी किया जा चुका है। अपने पत्र में यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि देश में दो तरह की शिक्षा व्यवस्था क्यों है।

सरकारी स्कूलों में किसान, मज़दूर, रिक्शा चालक, ठेला चालक और फुटपाथ पर सोने वालों के बच्चे पढ़ते हैं और देश में नियम कानून बनाने वाले नेता और अदिकारियों के बेटे कॉन्वेंट में पढ़ते हैं। इस तरह समानता नहीं आ सकती। उन्होंने कहा कि देश में समानता तभी आ सकती है जब प्रधानमंत्री का बेटा और प्रधानमंत्री के घर में झाड़ू लगाने वाले का बेटा एक स्कूल में पढ़ेगा।

यादव ने कहा कि जब अमीर व गरीब के बच्चे एक साथ एक छत के निचे शिक्षा ग्रहण करेंगे तब सही मायने में देश व समाज का विकास होगा। इसके साथ ही उन्होंने अपने पत्र ये मांग भी की है कि जो नेता या अधिकारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ा रहे हैं, वह सरकारी सुविधाएं लेना छोद दें।

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