केंद्रीय कर्मियों व पेंशनभोगियों को पांच फीसद डीए/डीआर का तोहफा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : सरकार ने पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर से आकर जम्मू एवं कश्मीर में बसने वाले सभी विस्थापित परिवारों के लिए 5.5 लाख रुपये की एकमुश्त मदद का दायरा बढ़ा दिया है। अब सरकार ने इस दायरे में ऐसे 5,300 परिवारों को भी शामिल किया है, जो गुलाम कश्मीर से आकर पहले किसी अन्य राज्य में रहे थे, फिर जम्मू-कश्मीर में आकर बस गए। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। पहले केवल उन परिवारों को मदद का एलान किया गया था, जो गुलाम कश्मीर से आकर सीधे जम्मू-कश्मीर में बस गए थे। कैबिनेट में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते/महंगाई राहत को पांच फीसद बढ़ाकर 17 फीसद करने का फैसला भी किया गया।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कैबिनेट के फैसले का ब्योरा देते हुए कहा कि सरकार ने ‘ऐतिहासिक गलती’ को ठीक कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में इस बात का एलान किया था कि विभाजन के बाद अलग-अलग मौकों पर पाक के कब्जे वाले कश्मीर को छोड़कर जम्मू-कश्मीर में आकर बसने वाले परिवारों को सरकार पैकेज देगी।
सरकार ने दिवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को पांच फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ता (डीए) तथा पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (डीआर) देने का फैसला किया है। इससे उनको मिलने वाला कुल डीए/डीआर अब वेतन/पेंशन के 12 फीसद से बढ़कर 17 फीसद हो गया है। इस निर्णय से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी तथा 65 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। फैसला पहली जुलाई, 2019 से लागू माना जाएगा। इससे सरकारी खजाने पर सालाना करीब 16,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। यह वृद्धि सातवें वेतन आयोग द्वारा स्वीकृत फामरूले के अनुसार की गई है। जावडेकर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा डीए में की गई यह अब तक की सबसे बड़ी एकबारगी वृद्धि है।