वित्तीय अनियमितताओं के मामले में बर्खास्त वार्डेनों के खिलाफ सीडीओ के निर्देश के बाद भी अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है। खंड शिक्षाधिकारियों ने एफआईआर दर्ज कराने से हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि कस्तूरबा स्कूल का रिकार्ड उनके पास नहीं रहता है तो वहीं सामूहिक रूप से सभी बर्खास्त वार्डेन और लेखाकार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने में पुलिस भी हाथ खींच रही है। पुलिस अफसरों की माने तो जिस थाना क्षेत्र का मामला है वहीं पर यह एफआईआर हो सकती है।
वित्तीय अनियमितताओं के मामले में कमालगंज, राजेपुर, कायमगंज, शमसाबाद की वार्डेन और कायमगंज के लेखाकार को बर्खास्त कर दिया गया था। इन सभी के स्थान पर नई नियुक्ति भी की जा चुकी है। वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सीडीओ ने एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। लंबे समय बाद भी अभी तक एफआईआर दर्ज कराने को लेकर कोई पहल नहीं हो रही है। एक दिन पहले ही फतेहगढ़ कोतवाली में जब सभी बर्खास्त वार्डेन और लेखाकारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की पहल हुई तो पुलिस ने तहरीर वापस कर दी। पुलिस का कहना है कि उनके थाना क्षेत्र में कोई भी कस्तूरबा विद्यालय नहीं है। अब ऐसे में जिला समन्वयक बालिका शिक्षा की जिम्मेदारी बन गई है कि उनकी ओर से ही एफआईआर दर्ज हो सकती है। वही भी संबंधित थाना क्षेत्रों में।
उठे सवाल
' सख्ती के बाद भी नहीं दर्ज हो सकी बर्खास्त वार्डेनों पर रिपोर्ट
' लंबे समय बाद भी अभी तक एफआईआर को कोई पहल नहीं