प्रयागराज : UPSC की राह चला उत्तर प्रदेश का UPPSC , IAS में भी नहीं है बाहर किए गए 5 विषय
वरिष्ठ संवाददाता,प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2019 प्रारंभिक परीक्षा ( UPPSC PCS Prelims 2019 Examination ) के विज्ञापन से साफ कर दिया है कि वह संघ लोक सेवा आयोग ( UPSC ) की राह पर चल पड़ा है। यूपीपीएससी ने मुख्य परीक्षा से अरबी, फारसी, सोशल वर्क, डिफेंस और कृषि अभियांत्रिकी विषयों को को बाहर कर दिया है। ये विषय संघ लोक सेवा आयोग की सबसे प्रतिष्ठित आईएएस ( UPSC IAS ) में भी नहीं है। आयोग ने 18 अक्तूबर से शुरू हो रही पीसीएस 2018 मुख्य परीक्षा में बदलाव किया है। नए पैटर्न में अब पीसीएस मेंस में दो के बजाए सिर्फ एक वैकल्पिक विषय है। इसके दो प्रश्न पत्र होंगे। जबकि सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों की संख्या दो से बढ़कर चार कर दी गई है। इसलिए मुख्य परीक्षा सिर्फ चार दिन में ही समाप्त हो रही है। पूर्व में परीक्षा में 18 से 20 दिन लग जाते थे।
इससे पहले भी यूपीपीएससी ने चयन प्रक्रिया में यूपीएससी का अनुसरण करता रहा है। संघ लोक सेवा आयोग ने 2011 में आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा में सीटेट लागू किया था तो उसके एकसाल बाद 2012 में यूपीपीएससी ने इसे लागू किया। यूपीएससी ने 2012 में सीटेट को क्वालीफाईंग किया तो यूपीपीएससी ने 2014 में इसे क्वालीफाईंग कर दिया।
सीटेट से प्रभावित छात्रों को संघ लोक सेवा आयोग ने दो अतिरिक्त अवसर देते हुए 30 की बजाय 32 वर्ष तक के अभ्यर्थियों से आवेदन स्वीकार किए तो उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने भी दो अतिरिक्त अवसर दिया था। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का कहना है कि जब यूपीपीएससी पूरी तरह से यूपीएससी का पैटर्न लागू कर रहा है तो वह वेटिंग लिस्ट जारी क्यों नहीं करता।