प्रयागराज : अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से संलग्न प्राईमरी अनभाग(बालिका) में कार्यरत शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के दिनांक 01-01-2016 से दिनांक 31-12-2016 तक 50 प्रतिशत पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में वेतन तथा महंगाई भत्ता के अवशेष भुगतान के सम्बन्ध में।
अनुदान संख्या-72(मा०शि०)
सम्बद्ध प्राइमरी बालिका
वित्तीय वर्ष 2019-20
सांतवे वेतनमान में पुनरीक्षित वेतन का अवशेष
2202-01-102-04-53
प्रेषक.
वित्त नियंत्रक (माध्यमिक)
शिक्षा निदेशालय, उत्तर प्रदेश,
प्रयागराज।
सेवा में,
1-जिला विद्यालय निरीक्षक, उ0प्र0,
सम्बन्धित जनपद।
2-मुख्य/वरिष्ठ कोषाधिकारी, उ0प्र0,
सम्बन्धित जनपद।
पत्रांक अर्थ(2) साख सीमा लेखा /8927.9030/2019-20
दिनांक:26-11-19
विषयः अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से संलग्न प्राईमरी अनभाग(बालिका) में कार्यरत शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के दिनांक 01-01-2016 से दिनांक 31-12-2016 तक 50 प्रतिशत पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में वेतन तथा महंगाई भत्ता के अवशेष भुगतान के सम्बन्ध में।
महोदय,
उपर्युक्त विषयक अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से संलग्न प्राईमरी अनुभाग (बालिका) में कार्यरत
शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के दिनांक 01-01-2016 से दिनाक 31-12-2016 तक पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स मे वेतन
तथा महंगाई भत्ता के अवशेष भुगतान हेतु जनपदो की मांग एवं आवश्यकता के आधार पर प्रथम छमाही हेतु पत्रांक:
अर्थ (2) साख सीमा लेखा/2786-2916/2019-20 दिनांक 12-06-2019 द्वारा धनराशि आवंटित की गयी थी। द्वितीय छनाही हेतु रूपया 1,83,39,900-00 (रूपया एक करोड़ तिरासी लाख उन्तालीस हजार नौ सौ मात्र) आपके निवर्तन पर आवटित की जाती है। जनपदीय आहरण-वितरण अधिकारी (संलग्न एलाटमेन्ट ग्रिड रिपोर्ट) में अपने जनपद के सम्मुख अंकित धनराशि की सीना तक कोषागार से आहरण निम्नलिखित शर्ता के अधीन करेंगे-
आवटित धनराशि तत्कालीन आवश्यकता के आधार पर ही व्यय किया जाय।
2)
स्वीकृत धनराशि पर वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-5 भाग-1 के अध्याय-16 में दिये गये सम्बन्धित समस्त नियम लागू होंगे।
आवंटित धनराशि केवल दिनांक 01-01-2016 से दिनांक 31-12-2016 तक पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में वेतन
तथा महगाई भत्ता के अवशेष के भुगतान हेतु ही आवंटित की गयी है। अतः इस धनराशि से अन्य किसी प्रकार का भुगतान न किया जाये।
उक्त धनराशि केवल उन्हीं मदो/पदों पर व्यय की जायेगी जो शासन द्वारा अनुमोदित है। अनुमोदित मदों/पदों
पर उक्त धनराशि से व्यावर्तन किसी भी शर्त की अधीन मान्य नहीं होगा। इस सम्बन्ध में किये गये अनियमित
व्यय के लिए सम्बन्धित जिला विद्यालय निरीक्षक/आहरण एवं वितरण अधिकारी पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे।
सम्बन्धित आहरण/वितरण अधिकारी से अपेक्षा की जाती है कि समय-समय पर निर्गत शासन विभागीय निर्देशों
का पालन करते हुए भुगतान समयान्तर्गत सुनिश्चित किया जाये तथा उक्त मद में कम पड़ी धनराशि का मांग-पत्र तत्काल उपलब्ध कराये। समय से पुनरीक्षित वेतन का अवशेष का भुगतान न होने की दशा में सम्बन्धित आहरण/वितरण अधिकारी को ही दोषी माना जाय।
उपर्युक्त धनराशि को चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के आय-व्यय में अनुदान संख्या-72 आयोजनेत्तर के अन्तर्गत
लेखाशीर्षक "2202-सामान्य शिक्षा-01-प्राथमिक शिक्षा -102-अराजकीय प्राथमिक विद्यालयों को सहायता-04-सहायता प्राप्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों से सम्बद्ध प्राइमरी प्रभाग हेतु राहायक अनुदान (वालिका)-53-पनरीक्षित वेतन का अवशेष(राज सहायता)" के नामे डाला जायेगा।
वित्त आय-व्यय अनुभाग-1 के शासनादेश सं0 बी0-1-1195/दस-16/94 दिनांक 6-6-1994 के अनुसार इस आवंटन की प्रविष्टि बजट पजिका अनुदान संख्या-72 आयोजनेत्तर में अंकित कर लिया गया है, जिसकी क्रम सं० (011-04) है।
संलग्नकः ग्रिड रिपोर्ट।
भवदीय,
(वी०आर प्रसाद)
वित्त नियंत्रक (माध्यमिक)
उत्तर प्रदेश।