10 फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्त
यही नहीं, इन कथित शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराने के आदेश बीएसए ने किए हैं। बुधवार को हुए इस आदेश के बाद से विभाग में शिक्षकों के बीच खलबली मची है।
बता दें कि, आगरा के डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 में फर्जी एवं टेंपर्ड प्रमाण पत्र धारी अभ्यर्थियों के मामले में उप्र विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) जांच में जिले के संबंधित 10 शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाए जाने की पुष्टि हुई है। इस अभियोग की विवेचनात्मक कार्रवाई का अनुश्रवण उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा की जा रही थी।
जांच एजेंसी ने अपनी पड़ताल में संबंधित सभी 10 शिक्षकों के शैक्षिक प्रपत्रों की जांच में फर्जीवाड़ा उजागर किया है। इनकी डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। ये लोग डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 में फर्जी एवं टेंपर्ड प्रमाण पत्र प्राप्त किए थे। इनको प्राप्त वेतन-भत्तों की वसूली की जाएगी और एफआइआर भी लिखाई जा रही है। - अजय कुमार, बीएसए
इन शिक्षकों के विरुद्ध हुई अंतिम कार्रवाई
’ कविता राज-छाउछ-लखीमपुर खीरी ’ धर्मेंद्र सिंह-बल्लभगढ़ फरीदाबाद-हरियाणा ’ धर्मेंद्र कुमार-गुतिला शमशाबाद-आगरा ’ वीरेंद्र प्रताप मिश्र-राजा जी पुरम-लखनऊ ’भावना यादव, इटौंजा-लखनऊ ’ महेंद्र प्रताप सिंह, ख्वाजा-आगरा ’ प्रमिला सिंह, अजरुननगर-आगरा ’ चंद्र प्रताप सिंह, शाहगंज-आगरा’ सत्यवीर सिंह, नगला कारे- सदर आगरा’ शैलेंद्र कुमार, नगला सरांय डाबर-फतेहपुर सीकरी आगरा