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कासगंज : कागजों में खाना खा रहे 100-150 बच्चे

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कासगंज : कागजों में खाना खा रहे 100-150 बच्चे

जागरण संवाददाता, कासगंज : ईमानदारी की पाठ पढ़ाने वाली शिक्षा की पाठशाला के पुजारी (गुरुजी) खुद बेईमानी में लिप्त है। स्कूलों में एमडीएम में बड़ा खेल हो रहा है। हर रोज सैकड़ों रुपये का गबन किया जा रहा है। हकीकत मे गिने-चुने बच्चे खाना खाते हैं, जबकि कागजों में संख्या सैकड़ों में पहुंच जाती है। बुधवार को निरीक्षण के दौरान बीएसए ने इस खेल को पकड़ा तो शिक्षकों ने बहाने बनाए, लेकिन बच्चों ने पोल खोल दी।

बीएसए अंजलि अग्रवाल ने बुधवार को प्राथमिक स्कूल कंचनपुर नागरपुर गंजडुंडवारा का निरीक्षण किया तो 365 के सापेक्ष मात्र 85 छात्र उपस्थित थे। एमडीएम रजिस्टर में हर रोज 200 से 250 बच्चों की खाना खाने की एंट्री थी। शिक्षकों ने कहा कि इतने ही बच्चे आते हैं, लेकिन आज कम आए हैं। जब बीएसए ने बच्चों से पूछा तो बच्चों ने पोल खोल दी। उन्होंने कहा कि एक-दो दिन ही सभी बच्चे आते हैं। ऐसे में अधिकारियों का मानना है कि सौ से 150 बच्चे हर रोज सिर्फ कागजों पर ही दिखाए जा रहे थे। प्रधानाध्यापक उपासना मिश्र का वेतन रोकते हुए जवाब मांगा है। वहीं उच्च प्राथमिक स्कूल में दूध बंटता हुआ मिला, लेकिन एमडीएम में यहां भी बच्चों की संख्या कम दिखाई जा रही थी। कंपोजिट ग्रांट के उपभोग बिल भी नहीं दिखा सके। प्रधानाध्यापक राजेंद्र सिंह का वेतन रोकते हुए जवाब मांगा है। प्रावि समसपुर में एमडीएम तो ठीक था, लेकिन शैक्षिक स्तर ठीक नहीं था। प्रावि एवं उप्रावि बोदर सहावर में व्यवस्थाएं भी ठीक मिलीं। वहीं प्रावि भीकमपुर में अच्छी पढ़ाई मिली। नगला रते में भी व्यवस्थाएं ठीक मिलीं।

गड़बड़झाला: रजिस्टर से हुआ संदेह, बच्चों ने खोल दी पोल , शिक्षिका से जवाब तलब, वेतन भी रोका गया

बुधवार को प्राथमिक स्कूल में बच्चों से किताब पढ़ाकर देखतीं बीएसए अंजलि अग्रवाल ’

मैडम नहीं मिलता है दूध और फल

प्राथमिक स्कूल नागर कंचनपुर में एमडीएम में बुधवार को दूध नहीं बंटा था। जब बीएसए ने बच्चों से दूध एवं फल के संबंध में पूछा तो बच्चों ने कहा फल नहीं मिलते हैं। कुछ ने कहा कि कभी कभी मिल जाते हैं।

कागजों में खाना खा रहे 100-150 बच्चे

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