पीलीभीत : सीएम साहब! क्या इस बार बिना स्वेटर के बच्चों को करनी होगी पढ़ाई, दो लाख बच्चों में सिर्फ 16 हजार को मिले स्वेटर
हिन्दुस्तान संवाद,पीलीभीत । साल परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सर्दियों में स्वेटर वितरित किए जाते हैं, जिससे स्वेटर पहनकर बच्चे स्कूल आ सकें। बच्चों को ठंड से निजात मिल सकेगी। इन दिनों ठंड पड़ रही है। स्वेटर न मिलने की वजह से बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल आने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में बच्चे स्कूल में ठीक ढंग से पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों का पूरा ध्यान ठंड में लगा रहता है। परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों को 30 नवंबर तक स्वेटर वितरित किए जाने के दावे बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से किए जा रहे हैं, जो पूरी तरह हवाहवाई साबित होंगे। जनपद के एक लाख 98 हजार 162 बच्चों में से सिर्फ 16030 की पहली खेप पहुंची है, जो काफी कम है। अगर इसी ठंग स्वेटर आने का सिलसिला जारी रहेगा, तो एकाध महीने में स्वेटर का वितरण पूरा हो पाएगा। सरकारी मशीनरी का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ सकता है।
जनपद में 1802 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिसमें 1.98 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। सरकारी नियमों के मुताबिक, प्रत्येक सर्दी मौसम में बच्चों को स्वेटर उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके बावजूद समय से स्वेटर वितरण की रणनीति नहीं बनाई जाती है। जब सर्दी का मौसम चालू हो जाता है, तो बच्चों को स्वेटर दिए जाने की याद आती है। टेंडर प्रक्रिया भी काफी विलंब से शुरू की जाती है। अगर टेंडर प्रक्रिया समय से शुरू कर दी जाए, तो नौनिहालों को समय से स्वेटर वितरित हो जाए। वर्तमान समय में सर्दी का मौसम चल रहा है। तराई के जनपद में ठंड पड़ रही है।
ऐसे मौसम में बगैर स्वेटर पहनकर बच्चे स्कूल पढ़ने के लिए जा रहे हैं, जो किसी भी दशा में उचित नहीं है। कार्यदायी संस्था से बेसिक शिक्षा विभाग को 16030 स्वेटरों की पहली खेप मिली है, जो परिषदीय स्कूलों को उपलब्ध करा दी गई है। पहली खेप में सिर्फ मरौरी ब्लाक के 10756 बच्चे स्वेटर से वंचित रह गए हैं।
अगर स्वेटर वितरण की यही रफ्तार रही, तो एकाध महीने लग जाएंगे। समय से स्वेटर न मिलने से बच्चों को काफी परेशानी हो रही है।