प्रयागराज : सूबे के 433 माध्यमिक कॉलेज काली सूची में
यूपी बोर्ड की 2020 परीक्षा के लिए शासन पिछले माह जारी कर चुका है, उसी के अनुरूप सभी कॉलेजों से आधारभूत सुविधाओं का ब्योरा लिया गया। इसी माह परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची जारी करनी है लेकिन, यह कार्य बिना डिबार लिस्ट फाइनल किए संभव नहीं था।
इसलिए बोर्ड ने पिछले वर्ष की परीक्षा और पिछले वर्षो की परीक्षा में डिबार सूची पर मंथन किया उसे अनुमोदन के लिए शासन को भेजा। उस पर मुहर लगते ही शनिवार शाम को वेबसाइट पर डिबार सूची जारी कर दी गई है। सूची में लगभग सभी जिलों का जिक्र है, क्योंकि हर जिले में ऐसे कॉलेज रहे हैं, जो परीक्षा के दौरान गड़बड़ी होने पर डिबार किए गए।
433 की काली सूची में सबसे अधिक अलीगढ़ में 72, प्रतापगढ़ में 41, आजमगढ़ में 25, प्रयागराज में 24, आगरा में 22, बलिया में 21, मथुरा में 20, गाजीपुर में 14, मऊ व हाथरस में 10-10 और कौशांबी में तीन कालेजों को डिबार किया गया है।
इधर कुछ वर्षो से उन जिलों का नाम बदल गया है, जहां पर डिबार होने वाले कॉलेज अधिक होते रहे हैं। पहले पूरब के जिलों में ही यह संख्या बहुतायत में होती थी, अब पश्चिम में भी ऐसे जिलों की संख्या बढ़ी है। यूपी बोर्ड अब जल्द ही परीक्षा केंद्रों की सूची जारी करके आपत्तियां मांगेगा, आपत्ति हर जिले में ही करनी होगी। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।
अलीगढ़ में सबसे अधिक 72 कॉलेज डिबार, आगरा के 22, मथुरा में 20
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने अगले वर्ष की यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन संपन्न कराने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में ऑनलाइन कंट्रोल रूम बनाने का निर्देश दिया है। पिछली बार यह व्यवस्था सिर्फ अलीगढ़ और हाथरस में लागू थी। उन्होंने प्रदेश स्तर पर लखनऊ में भी एकीकृत कंट्रोल रूम बनाने के लिए कहा, जिससे प्रदेश के किसी भी परीक्षा केंद्र की सभी जानकारी कंप्यूटर की एक क्लिक पर हासिल की जा सके। उन्होंने कहा कि जल्द ही राजकीय और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए नीति जारी की जाएगी। वह माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के मकसद से आयोजित ‘मंथन’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए उप मुख्यमंत्री ने निर्धारित शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार पाठ्यक्रम को पूरा कराने पर जोर दिया। इसकी जिम्मेदारी सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक व जिला विद्यालय निरीक्षकों सहित जनपदीय अधिकारियों की होगी। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी को दंडित किया जाएगा। उन्हांेने निर्देश दिया कि विगत दो वषों की बोर्ड परीक्षाओं के समस्त बकाया पारिश्रमिक का भुगतान तत्काल करें।