गोरखपुर : सैनिक स्कूल के 50 एकड़ जमीन पर सीएम की हरी झंडी
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुर । गोरखपुर में प्रस्तावित सैनिक स्कूल के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने 50 एकड़ जमीन पर हरी झंडी दे दी है। सीएम ने जिला प्रशासन से अब सैनिक स्कूल के लिए जल्द डीपीआर भेजने को कहा है।
रविवार को स्व. सुरेन्द्र बहादुर सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने गोरखपुर आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में जिले और मण्डल के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान डीएम ने सैनिक स्कूल के प्रस्ताव पर सीएम को बताया कि फर्टिलाइजर में 50 एकड़ जमीन आरक्षित कर ली गई है। इस पर सीएम ने अपनी सहमति जता दी और तत्काल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर भेजने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने जिले में चल रहे सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। राजघाट में बन रहे पक्का घाट की समीक्षा करते हुए कहा कि इसका निर्माण भी जल्द कराएं।
फोरलेन निर्माण की प्रगति जानी : सीएम ने जंगल कौड़िया-कालेसर, गोरखपुर-महराजगंज, मोहद्दीपुर-जंगल कौड़िया और गोरखपुर-देवरिया फोरलेन के निर्माण की प्रगति जानी और कहा कि निर्धारित समय के अंदर इन सभी का काम पूरा करें। एम्स निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि कोशिश करें कि अगले साल से यहां मरीजों को भर्ती किया जा सके।
सैन्य क्षेत्र के रूप में विकसित होगा फर्टिलाइजर : फर्टिलाइजर जल्द ही सैन्य क्षेत्र के रूप में विकसित होगा। यहां महिला पीएसी बटालियन, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के साथ ही अब सैनिक स्कूल के लिए भी जमीन चिह्नित की गई है। डीएम ने बताया कि स्कूल के लिए फर्टिलाइजर में 50 एकड़ जमीन आरक्षित कर दी गई है। मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू करा दिया जाएगा।
100 करोड़ के करीब आएगी लागत
डीएम ने बताया कि सैनिक स्कूल के लिए खाद कारखाने के पास 50 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई है। सैनिक स्कूल के निर्माण में लागत तकरीबन 100 करोड़ आएगा। इसके साथ ही शासन के निर्देश पर 30-30 एकड़ जमीन पीएसी की महिला बटालियन और पांच एकड़ जमीन एनडीआरएफ को मुहैया कराने के लिए चिह्नित की गई है।
कक्षा छह और नौ में मिलता है दाखिला
रक्षा मंत्रालय के अधीन सैनिक स्कूलों का उद्देश्य बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी के लिए तैयार करना है। इन स्कूलों में दाखिले के लिए सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा होती है। इन स्कूलों में कक्षा छह और नौ में ही दाखिला मिलता है।
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