नई दिल्ली : भरे गए शिक्षकों के खाली पड़े 70 फीसद पद, बाकी पर भी भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करने के आदेश मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके साथ ही उन सभी केंद्रीय विवि को नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए है जहां भर्ती की प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है।...
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय विश्वविद्यालयों (Central Universities) को फिलहाल आने वाले दिनों में शिक्षकों की कमी से नहीं जूझना होगा। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों (Teachers) के खाली पड़े करीब 70 फीसद पदों को भरने का काम पूरा हो गया है। एक-एक करके इसके आदेश भी जारी होने शुरू हो गए हैं।
अब तक करीब 630 पदों पर भर्ती के आदेश भी जारी हो चुके हैं। बाकी के पदों पर भी जल्द ही नियुक्ति के आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। खास बात यह है कि शिक्षकों की कमी देश के सभी 41 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में बनी हुई थी। इसके बाद ही इन्हें तेजी से भरने के निर्देश दिए गए थे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resources Development) ने इसके साथ ही उन सभी केंद्रीय विवि को नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए है, जहां भर्ती की प्रक्रिया शुरू तो हो गई है, लेकिन इसकी रफ्तार काफी धीमी है। मंत्रालय ने ऐसे करीब दर्जन भर केंद्रीय विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं।
इनमें दिल्ली विवि (Delhi University), जाधवपुर विवि (Jadavpur University) और मध्य प्रदेश के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ट्राइवल विवि (Indira Gandhi National Tribal University Madhya Pradesh) सहित गुजरात (Gujarat), आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir), ओडिशा (Odisha), कर्नाटक (karnataka), झारखंड (Jharkhand), हरियाणा (Haryana) के केंद्रीय विवि शामिल हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पदों को भरने को लेकर सरकार की सक्रियता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि मंत्रालय स्तर पर पूरी भर्ती प्रक्रिया की हर हफ्ते समीक्षा की जा रही है।
इसके साथ ही जिन विश्वविद्यालयों को इनमें किसी स्तर पर दिक्कत आ रही है, उसका भी तुरंत ही निराकरण किया जा रहा है। मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती को तय समय में पूरा करने का लक्ष्य गया है। लेकिन, कुछ विश्वविद्यालयों में अलग-अलग कारणों से प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पायी है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने की मुहिम उस समय चल रही है, जब इनके करीब आठ हजार पद खाली पड़े हैं। प्रोफेसर के करीब 14 सौ पद, एसोसिएट प्रोफेसर के करीब तीन हजार और असिस्टेंट प्रोफेसर के तीन हजार से ज्यादा पद खाली हैं।