प्रयागराज : आरक्षण नियमों के उल्लंघन पर सरकार व आयोग से मांगा जवाब
विधि संवाददाता, प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज की असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती में आरक्षण नियमों का उल्लंघन करने को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व आयोग से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि भर्ती के तहत अगर नियुक्ति होती है तो वह याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय ने उत्तम सोलंकी व दो अन्य की याचिका पर दिया है। गौरतलब है कि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने 2014 में विज्ञापन संख्या 46 के तहत वाणिज्य विषय में असिस्टेंट प्रोफेसरों 60 पदों की भर्ती का निकाली थी। इसमें 30 सामान्य, 10 अन्य पिछड़ा वर्ग, 13 अनुसूचित जाति व एक पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया था। इसके बाद एक संशोधन द्वारा सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के पदों की संख्या 30 से घटाकर 10 कर दी गई। इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 30 पद अनुसूचित जाति के लिए 20 पद कर दिया गया। अनुसूचित जनजाति के लिए कोई पद आरक्षित नहीं किया गया। इसे आरक्षण कानून के विपरीत करार देते हुए कोर्ट में चुनौती दी गई है। आयोग के अधिवक्ता बीएन सिंह का कहना है कि डॉ. विश्वजीत सिंह के फैसले के अनुसार आयोग ने यह संशोधन किया है।
आयोग ने डॉ. विश्वजीत सिंह केस का पालन करते हुए पदों का पुनर्निर्धारण किया है। साथ ही याचियों ने 19 जून 2014 व 30 जुलाई 2014 की अधिसूचनाओं को चुनौती नहीं दी है। चयनित अभ्यर्थियों को भी याचिका में पक्षकार नहीं बनाया गया है, इसलिए याचिका पोषणीय नहीं है। याचिका की सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।