लखनऊ : अनुदेशक भी जिले के अंदर बदल सकेंगे स्कूल
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ:सरकारी जूनियर स्कूलों में कार्यरत अनुदेशकों का जिले के अंदर तबादला होगा। वही उनके अनुबंध के नवीनीकरण की प्रक्रिया 31 मई से पहले शुरू नहीं हुई तो संविदा का स्वतः नवीनीकरण हो जाएगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।प्रदेश में लगभग 32 हजार अनुदेशक हैं। आदेश के मुताबिक अंशकालिक अनुदेशकों के तबादले पारस्परिक सहमति और उनके स्वयं के अनुरोध पर होंगे। वे पारस्परिक सहमति से स्कूलों की अदला-बदली कर सकेंगे।अनुदेशकों का विद्यालय परिवर्तन उनके विषयों में ही किया जाएगा। मसलन, कला शिक्षा के अनुदेशक कला शिक्षा के अनुदेशकों से ही स्कूल बदल सकेंगे। अंशकालिक अनुदेशक उन्हीं स्कूलों में जा सकेंगे, जहां छात्र संख्या 100 से ज्यादा हो।
*तय की गई वरीयता*
स्कूल परिवर्तन में पहली वरीयता विकलांग अभ्यर्थी को दी जाएगी।इसके बाद विधवा व तलाकशुदा महिला, तीसरे नंबर पर महिला अभ्यर्थी, चौथे नंबर पर ज्यादा उम्र को वरीयता दी जाएगी।इसके लिए जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनेगी जो इसकी पूरी तौर पर मॉनिटरिंग करेगी।
*स्वतः नवीनीकरण-*
अनुदेशकों का अनुबंध नवीनीकरण एक जुलाई से 31 मई तक का होता है। संविदा खत्म होने के कम से कम एक महीने पहले संविदा के नवीनीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो संबंधित बीएसए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे। यदि जिला स्तर पर कार्रवाई 31 मई तक पूरी नहीं होगी तो संबंधित अनुदेशक का नवीनीकरण अपने आप हो जाएगा। 31 मई से 30 जून के बीच अनुबंध पूरा कराना अनिवार्य होगा।जिन अंशकालिक अनुदेशकों की सेवाएं सन्तोषजनक नहीं होंगी, उन्हें लिखित चेतावनी या नोटिस दिया जाएगा और इसी आधार पर उनकी संविदा खत्म की जाएगी।सेवाएं खत्म करने के लिए एक महीने का नोटिस दिया जाएगा।यदि लिखित चेतावनी नहीं दी गई तो माना जायेगा कि सेवाएं संतोषजनक हैं। गंभीर अनुशासनहीनता की स्थिति में यदि सेवा खत्म करने की आवश्यकता होगी तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रमाण सहित स्पष्ट प्रस्ताव जिलाधिकारी को देंगे। जिला अधिकारी के अनुमोदन पर संविदा की समाप्ति की जाएगी।