हरदोई : लर्निंग आउट कम की बच्चों ने सुचितापूर्वक दी परीक्षा
-जिले में 72 फीसद बच्चों ने परीक्षा में लिया भाग
हरदोई। परिषदीय विद्यालयों में कक्षा पांच से आठ तक के बच्चों के लिए शुक्रवार खास दिन था। अभी तक तो परीक्षा उनकी कक्षाओं की होती थी, लेकिन इस बार उनकी शिक्षा की गुणवत्ता परखने को लर्निंग आउटकम परीक्षा हुई। अन्य परीक्षाओं की तरह अव्यवस्था भी नहीं दिखी। बच्चों ने सुचितापूर्वक परीक्षा में भाग लिया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार करीब 72 फीसद बच्चों ने परीक्षा में भाग लिया। जोनल, सेक्टर और सचल दस्ते के वाहन एक विद्यालय से दूसरे विद्यालयों में संचालित परीक्षा का जायजा लेते रहे।
जिले के 3996 परिषदीय विद्यालय में कक्षा पांच से आठ तक के एक लाख 95 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। इन छात्र-छात्राओं की लर्निंग आउटकम की परीक्षा साढ़े दस से साढ़े 12 बजे संपन्न हुई। परीक्षा में पंजीकृत एक लाख 95 हजार परीक्षार्थियों के सापेक्ष करीब 72 फीसद बच्चों ने परीक्षा दी। बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर परीक्षा संपन्न कराने के लिए सुपर जोनल मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट, जिला स्तरीय सचल दस्ते लगाए गए थे, जबकि न्याय पंचायत स्तर पर उड़नदस्तों में अधिकारियों की तैनाती की गई। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर दूसरे विद्यालय के शिक्षकों को पर्यवेक्षक के रूप में लगाया गया है। विद्यालय में कक्ष निरीक्षक के तौर पर दूसरे विद्यालय के शिक्षकों के साथ डायट के प्रशिक्षुओं को तैनात किया गया। सचल दस्ते नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए एक विद्यालय से दूसरे विद्याल का निरीक्षण करते रहे। डायट प्राचार्य वीके दुबे ने बताया कि इस परीक्षा में सारे प्रश्नपत्र बहुविकल्पीय प्रश्न थे, जिनका ओएमआरसीट पर जवाब लिखना था। बच्चों को ओएमआरसीट भरने के संबंध में पूर्व में जानकारी दी गई थी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंतराव ने बताया कि नगर क्षेत्र व सभी विकास खंडों में परीक्षा हुई। विद्यालयों से उपस्थिति मांगी गई। जो शुरुआती उपस्थिति आई उसमें करीब 72 फीसद बच्चों ने परीक्षा दी। हालांकि यह संख्या घट-बढ़ सकती है।
विद्यालयों में दिखा खास उत्साह
खास परीक्षा को लेकर बच्चों और अध्यापकों में खास उत्साह दिखा। पहली बार बच्चों ने ओएमआर सीट पर परीक्षा दी थी। बच्चों को देखकर लग रहा था कि उन्हें सीट भरने का प्रशिक्षण दिया गया। शिक्षक-शिक्षिकाओं का कहना था कि उन्हें खुशी है कि शिक्षा की गुणवत्ता परखने को इतनी पारदर्शी परीक्षा हुई।