एसआइटी ने अपनी एफआइआर में तत्कालीन समाज कल्याण निदेशक के अलावा तत्कालीन पटल सहायक शिक्षा अनुभाग धर्मेद्र सिंह, अधीक्षक शिक्षा अनुभाग डीके गुप्ता व अनिल उपाध्याय, योजना अधिकारी डॉ. मंजूश्री श्रीवास्तव व गुरुनानक एजूकेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी सरदार गुरुसिमरन सिंह चड्ढा व अन्य को आरोपित बनाया है। बताया गया कि रुड़की (उत्तराखंड) स्थित गुरुनानक एजूकेशन ट्रस्ट में वर्ष 2011-12 व वर्ष 2012-13 के मध्य निर्धारित दर से अधिक दर पर शुल्क का अनियमित रूप से भुगतान किए जाने की शिकायत की गई थी। एसआइटी की जांच में सामने आया कि गुरुनानक एजूकेशन ट्रस्ट की स्थापना 10 अक्टूबर 2007 को हुई थी, जिसमें दिल्ली निवासी इंद्रजीत सिंह चड्ढा व गुरुसिमरन सिंह समेत चार ट्रस्टी थे। ट्रस्ट की संशोधित डीड मार्च 2013 को हुई थी। संस्था में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम) व अन्य पाठ्यक्रमों का संचालन होना बताया गया था।
शासन के आदेश पर एसआइटी ने जांच के बाद लिखी नामजद एफआइआर, छात्रवृत्ति में किया आठ करोड़ का घपला