लखनऊ : पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं होगी: फारुकी
- November 10, 2019
उन्होंने कहा ‘कोई भी व्यक्ति, अधिवक्ता या संगठन पुनर्विचार याचिका संबंधी कोई बयान देता है तो उसे सुन्नी वक्फ बोर्ड की लाइन न माना जाए।’ सभी संगठन खासकर मुस्लिम संगठन यह बात कहते आ रहे थे कि जो भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला होगा, उसे मानेंगे। अब कोर्ट का फैसला मानते हुए सभी को इसका सम्मान करना चाहिए। जो भी फैसला आया है, उसे देशहित में देखना चाहिए। अयोध्या में दी जा रही पांच एकड़ जमीन लेने या न लेने के बारे में जुफर ने कहा कि इस पर अंतिम फैसला सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा। जल्द ही बोर्ड अपनी बैठक बुलाकर इस बारे में निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट से जमीन की कोई मांग नहीं की थी। इसके बावजूद हमें पांच एकड़ जमीन देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।
एआइएमआइएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान कि ‘खैरात के रूप में दी गई पांच एकड़ जमीन हमें नहीं चाहिए, हमें जमीन लेने के प्रस्ताव को खारिज कर देना चाहिए’ पर जुफर ने कहा कि यह ओवैसी के निजी विचार हैं। उनका सुन्नी वक्फ बोर्ड से कोई लेना-देना नहीं है। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा खारिज नहीं किया बल्कि उस पर व्यवस्था दी है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि बोर्ड अपने मकसद में कामयाब हुआ। अयोध्या में जन्मभूमि पर ही राम मंदिर बने, यही हमारा मकसद था। वक्फ बोर्ड की विशेष अनुमति याचिका खारिज होने का हमें कोई कष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह बात कही गई है कि विवादित स्थल पर बनाई गई मस्जिद मीर बाकी ने बनाई थी। चूंकि मीर बाकी शिया मुसलमान था इसलिए स्पष्ट है कि यह मस्जिद भी शिया समाज की थी। उन्होंने कहा कि फैसले में जो पांच एकड़ भूमि देने की बात है वह मीर बाकी की मस्जिद के बदले में दी जा रही है। इस पर शिया वक्फ बोर्ड का अधिकार होना चाहिए। हालांकि इस पर शिया वक्फ बोर्ड कोई पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा।