गोरखपुर : मूल्यांकन में पास, केंद्र निर्धारण में फेल
जनपद में कई ऐसे विद्यालय हैं जो 250 नंबर से अधिक पाने के बाद केंद्र नहीं बन पाए हैं। हालत यह है कि 270 नंबर पाने वाले विद्यालय भी मानक में फेल हो गए हैं और केंद्र नहीं बन पाए हैं।
बोर्ड ने इस बार विद्यालयों की मानक की जांच करने के लिए ¨बदुवार जानकारी मांगी थी। इनमें प्रत्येक ¨बदु पर 10 से 20 नंबर दिए जाने थे। मसलन विद्यालय में लिंटर्ड कमरे हैं या नहीं, कमरों में सीसी कैमरा विद वायस रिकार्डर है या नहीं, मुख्य द्वार पर लोहे का गेट है या नहीं, राउटर है या नहीं, चहारदीवारी की क्या स्थिति है आदि।
विद्यालय यदि इन ¨बदुओं पर अपने को खरा पाता है तो स्वयं इन ¨बदुओं पर निर्धारित नंबरों को जोड़कर अपना मूल्यांकन कर सकता है। दर्जनों विद्यालयों ने ऐसा किया और वह मानक पर खरा भी उतरे। बावजूद इसके बोर्ड के केंद्र निर्धारण की सूची में शामिल नहीं हो सके।
’>>मानक की जांच के लिए बोर्ड ने मांगी थी बिंदुवार जानकारी
’>>बोर्ड की प्रस्तावित सूची में नाम शामिल न होने पर जताई नाराजगी
मानक पर खरा, नहीं बने केंद्र
’सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज ’सरस्वती विद्या मंदिर ’एमपी बालिका इंटर कॉलेज, बसडीला’किसान इंटर कॉलेज अहिरौली ’इस्लामिया गल्र्स इंटर कॉलेज, जाहिदाबाद ’दीपशिखा कन्या इंटर कॉलेज, पीपीगंज ’लाल बहादुर शास्त्री इंटर कॉलेज, बड़हलगंज ’सरदार बल्लभ भाई पटेल इंटर कॉलेज, लुहसी ’श्रीमती कौशिल्या देवी इंटर कॉलेज मुडिला, झुगिया ’खुशहाल प्रसाद स्मारक कन्या इंटर कॉलेज, सरांय गुलरिया ’कमला सिंह बालिका इंटर कॉलेज, रहीमाबाद, सहजनवां
मानक पूरा करने के बाद भी जिले के कई विद्यालय केंद्र नहीं बने हैं। यह गंभीर मामला है। जनपदीय केंद्र निर्धारण समिति की बैठक में इसको रखा जाएगा। कोशिश की जाएगी कि केंद्रों की फाइनल सूची में ये सभी विद्यालय शामिल हो जाएं।
ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, जिला विद्यालय निरीक्षक