अमेठी : प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाने का नायाब तरीका, एक ही साल में बढ़ गई संख्या
हिन्दुस्तान टीम,अमेठी।अमेठी जिले के बाजार शुकुल ब्लाक के मॉडल प्राथमिक विद्यालय महोना के शिक्षक अपने नवाचार मेहनत व लगन की बदौलत बेसिक शिक्षा को नया आयाम दे रहे हैं। शिक्षक राकेश देव व जितेंद्र सिंह ने कठपुतलियों के माध्यम से बच्चों को सिखाने का जो नायाब तरीका निकाला है उससे ना सिर्फ बच्चे आसानी से सीख रहे हैं बल्कि पिछले एक सालों में विद्यालय में 122 अधिक एडमिशन हुए हैं।
मॉडल स्कूल महोना बच्चों की किलकारियों से गूंजता रहता है। स्कूल की कक्षा में प्रवेश करने के बाद हो सकता है आपको कोई शिक्षक ना नजर आए लेकिन पर्दे से ढंकी कुर्सी और मेज के सामने थिरकती कठपुतलियां बच्चों को छोटा से अनार बड़ा से आम का ज्ञान देती रहती हैं। बच्चे भी जोर जोर से कठपुतलियों की बातें दोहराते रहते हैं। शैक्षणिक नवाचार के इस फार्मूले का असर है कि पिछले साल तक इस स्कूल में जहां 112 बच्चे पंजीकृत थे वहीं इस बार कक्षा 5 तक कुल बच्चों की संख्या 233 हो गई है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। आलम यह है कि मॉडल प्राथमिक विद्यालय महोना के आसपास के नर्सरी स्कूल भी तौबा बोल गए हैं।
कहां से मिली प्रेरणा
कठपुतलियों के माध्यम से बच्चों को भाषा गणित और अंग्रेजी का ज्ञान देने वाले सहायक अध्यापक जितेंद्र सिंह कहते हैं कि स्कूल के हेड मास्टर राकेश तू पांडे ने कठपुतली आधारित शिक्षण का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उन्होंने प्रशिक्षण में बताई गई बातों को शिक्षकों के साथ शेयर किया। इसके बाद जितेंद्र सिंह ने उसे क्रियान्वित करने का निर्णय ले लिया। इसका जबरदस्त असर रहा और बच्चों में सीखने की ललक बढ़ती ही चली गई।
अक्षर ज्ञान से लेकर कविता कहानी तक
जितेंद्र सिंह अब कठपुतली आधारित शिक्षण में सिद्धहस्त हो गए हैं।पर्दे के सामने थी रखती कठपुतलियों के माध्यम से कोई बच्चों को अक्षर ज्ञान से लेकर कविताएं और कहानियां भी याद करा रहे हैं। बच्चे भी पूरे उत्साह के साथ सारी चीजें कंठस्थ कर लेते हैं।
मिला है सम्मान
कठपुतली आधारित शिक्षण के लिए जितेंद्र सिंह को खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही शून्य निवेश नवाचार के अंतर्गत बीएसए विनोद कुमार मिश्र ने भी पिछले वर्ष उन्हें सम्मानित किया था।
कहते हैं जिम्मेदार
इस संबंध में बीएसए विनोद कुमार मिश्र कहते हैं कि यह निश्चित ही सराहनीय कार्य है। हमारे शिक्षकों से योग्य शिक्षक कहीं नहीं है। हम से अधिक सुविधाएं किन्हीं विद्यालयों में नहीं हैं। बशर्ते जरूरत है स्वप्रेरणा के आधार पर उन्हें अमल में लाने की। प्राथमिक विद्यालय महोना विभाग के लिए एक आदर्श विद्यालय है।