गोरखपुर : वाह रे विभाग धो डाले दाग
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए ऐसे पांच विद्यालयों को केंद्र बनाने की तैयारी है, जिन्हें बोर्ड ने खुद ही डिबार किया था। जो विद्यालय फर्जी प्राइवेट फार्म भरवाने व नकल कराने के आरोप में ब्लैक लिस्टेड हों उन्हें दोबारा केंद्र बनाने का काम पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा है।
स्कूलों के दामन पर लगे दाग को धोने का काम उसी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परीक्षा केंद्रों की अपनी प्रस्तावित सूची में किया है, जिस पर नकेल कसने की जिम्मेदारी है। बोर्ड के इस कृत्य से वह विद्यालय परीक्षा केंद्र बनने से वंचित हो गए, जो न केवल केंद्र बनने का मानक पूरे करते हैं बल्कि उनकी छवि अच्छी और दामन बेदाग है। बोर्ड की तरफ से जारी परीक्षा केंद्रों की प्रस्तावित सूची विभाग में चर्चा का विषय है।
पांच विद्यालय दस वर्ष के लिए हैं डिबार: मंगलवार को परीक्षा केंद्रों की जो प्रस्तावित सूची बोर्ड ने जारी की है उसमें जनपद के पांच विद्यालय ऐसे हैं जो दस साल के लिए डिबार हैं। इन डिबार विद्यालयों पर फर्जी प्राइवेट फार्म भरवाने का आरोप था।
जिला विद्यालय निरीक्षक भदौरिया ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जनपदीय केंद्र निर्धारण समिति की बैठक में सूची का परीक्षण किया जाएगा। विद्यालयों से 14 नवंबर तक आपत्तियां मांगी गई है। इसके आधार पर पूरी सूची की जांचकर आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। सूची में शामिल डिबार विद्यालयों को बाहर कर फाइनल सूची बोर्ड को भेजी जाएगी।
’>>बोर्ड की प्रस्तावित सूची में ऐसे विद्यालय परीक्षा केंद्र बने जो डिबार थे
’>>मानक पूरा करने वाले बेदाग छवि के विद्यालय केंद्रों की सूची से बाहर
प्रस्तावित सूची में शामिल डिबार विद्यालय
’ श्याम कृष्ण इंटर कालेज, थवईपार
’ आनंद विद्यापीठ, ककरही
’ डा.श्यामा प्रसाद इंटर कालेज, लुहसी
’ भारतीय उच्चतर मावि.राजबारी जसवर
’ श्रीकृष्ण कृषि उद्योग, नइयापार