बाराबंकी : पूरे प्रदेश में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच शुरू
नौ नवंबर को जिले में एसटीएफ ने फर्जी शिक्षक पिता-पुत्रों को गिरफ्तार किया था। यह दोनों बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियां कराते थे। जो फर्जी शिक्षक पकड़े जा रहे हैं, वह बनारस के संपूर्णांनंद विश्वविद्यालय के डिग्री धारक हैं। एसटीएफ ने बाराबंकी, गोरखपुर, बलरामपुर और महाराजगंज जांच शुरू कर दी थी। अब बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने जांच के क्रम में बाराबंकी सहित 75 जिलों के बीएसए से रिपोर्ट तलब की है कि कितने शिक्षक ऐसे हैं जो संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से डिग्री लेकर नौकरी कर रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से प्राप्त डिग्री के आधार पर कितने शिक्षक नौकरी कर रहे हैं, इसकी सूची तैयार की जा रही है।
द्वितीय प्रतिलिपि पर नौकरी करने वालों पर नजर : बीएसए ने बताया कि कुछ शिक्षक डिग्री के द्वितीय प्रतिलिपि पर नौकरी कर रहे हैं। उनकी सूची बनाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। द्वितीय प्रतिलिपि में फर्जीवाड़ा करने के अधिक चांस रहते हैं। इसलिए बेसिक शिक्षा सचिव ने यह भी रिपोर्ट मांगी है।
12 शिक्षक हुए चिन्हित : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि जिले में 12 शिक्षक चिह्न्ति हुए हैं, जो फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे हैं। इन्होंने ने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय की डिग्री दिखाई थी। हालांकि अभी जिले में और भी शिक्षक निकलेंगे, जिनकी सूची बनाई जा रही है।
’>>संपूर्णानंद विवि से डिग्री ले शिक्षक की नौकरी करने वालों की मांगी गई रिपोर्ट
’>>इसके साथ ही तलाशा जा रहा शिक्षक भर्ती घोटाले का नेटवर्क