मैनपुरी : खुलेंगे स्कूलों के फर्जीवाड़े गुरुजी पर गिरेगी गाज!
परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक स्तर बढ़ाने के साथ ही विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं देने पर सरकार का खास जोर है। साल-दर- साल प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल में कंपोजिट ग्रांट के साथ ही खेलकूद का सामान खरीदने के लिए धनराशि मुहैया कराई जाती है। कंपोजिट ग्रांट से स्कूल में रंगाई पुताई, बाउंड्रीवॉल, फर्नीचर की मरम्मत सहित अन्य कार्य कराए जाते हैं, लेकिन अधिकांश जिम्मेदार शिक्षक इसमें खेल करने से नहीं चूकते हैं। खराब सामान खरीदकर जेब गर्म करते हैं तो फर्जी बिल बाउचर भी लगा दिए जाते हैं। सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक विजय किरन आनंद के निर्देश पर बीएसए ने स्कूलों में व्यवस्थाओं के नाम पर खर्च की गई कंपोजिट ग्रांट की धनराशि और खेलकूद के सामान की जांच कराने का निर्णय लिया है। बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बताया कि सत्यापन कराया जा रहा है।
टीम कर गई जांच
बेसिक के स्कूलों को मिली धनराशि मामले की जांच बीते दिनों आई सर्व शिक्षा विभाग की टीम कर गई। टीम ने निदेशालय को रिपोर्ट दी है। अब टीम को क्या मिला, क्या कार्रवाई होगी, पता नहीं चल सका है। सीडीओ नगेंद्र शर्मा ने दो दिन पहले किताब और खेल किट की खरीद में खेल पकड़ा।