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बलरामपुर : फैसले से पूर्व वाट्सएप ग्रुप एडमिन ओनली मोड पर, श्री रामजन्म भूमि विवाद के मूल मुद्दई गोपाल सिंह विशारद का परिवार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से गदगद

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बलरामपुर : फैसले से पूर्व वाट्सएप ग्रुप एडमिन ओनली मोड पर, श्री रामजन्म भूमि विवाद के मूल मुद्दई गोपाल सिंह विशारद का परिवार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से गदगद

हैदराबाद, आइएएनएस : मैसेजिंग एप वाट्सएप के तमाम समूह शुक्रवार रात से ही ‘एडमिन ओनली’ मोड पर चले गए। ऐसा अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों के निर्देश पर हुआ। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों की सोशल मीडिया पर पूरी नजर है।

किसी भड़काऊ सामग्री के प्रचार में आने से पहले ही उसे रोकने की तैयारी कर ली गई है। पता चला है कि शुक्रवार रात जैसे ही जानकारी मिली कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला शनिवार को आएगा। लोगों ने जैसे ही अपने समूहों को इस पर प्रतिक्रिया देनी शुरू की, वैसे ही पता चला कि उनकी सेवा ‘एडमिन ओनली’ के मोड पर चली गई है। ऐसा आने वाले कुछ दिन तक बना रहेगा।

इससे कोई भी सदस्य मैसेजिंग एप पर आपत्तिजनक सामग्री नहीं डाल सकेगा जिससे किसी तरह के तनाव की स्थिति पैदा हो। सभी सोशल मीडिया उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे अपने अकाउंट से किसी तरह की आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट न करें। अगर किसी तरह से यह सामग्री सकरुलेट (प्रचार) में आ भी गई तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


जागरण संवाददाता, बलरामपुर: रामजन्म भूमि विवाद के मूल मुद्दई गोपाल सिंह विशारद का परिवार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से गदगद है। उनका परिवार बलरामपुर के तुलसी पार्क मुहल्ले में रहता है। दिसंबर 1983 में गोपाल सिंह का निधन हो गया। इसके बाद से उनके बेटे राजेंद्र सिंह मुकदमे की पैरवी कर रहे हैं।

33 साल बाद मिले पूजा पाठ के अधिकार से वह खुश हैं। फिलहाल, वह गुजरात में अपने करीबी रिश्तेदार के यहां गए हैं। फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा कि भगवान ने सबकी सुनी। 1949 में पिता जी ने पूजा अर्चना का अधिकार व भगवान राम की सुरक्षा मांगी थी। जिसे 70 साल बाद मान्यता मिली है। गोपाल सिंह के पोते और राजेंद्र सिंह के छोटे बेटे शीलेंद्र सिंह ने बताया कि बाबा जी की अधूरी लड़ाई बाबूजी ने जीतकर सपना पूरा किया।

बलरामपुर के तुलसी पार्क मुहल्ले में रहता है उनका परिवार

फैसले से पूर्व वाट्सएप ग्रुप एडमिन ओनली मोड पर

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