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नई दिल्ली : ‘निष्ठा’ की रफ्तार थमी, दिखने लगी सुस्ती

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नई दिल्ली : ‘निष्ठा’ की रफ्तार थमी, दिखने लगी सुस्ती 

अर¨वद पांडेय’ नई दिल्ली

सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए सरकार ने ‘निष्ठा’ कार्यक्रम को जिस जोश के साथ शुरू किया था, अब उसमें साफ सुस्ती दिखने लगी है। स्थिति यह है कि कार्यक्रम लांच होने के करीब तीन महीने बाद भी 15 राज्यों में इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं। यह हाल तब है जब कार्यक्रम के तहत छह महीने में करीब 42 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है।

इस बीच निष्ठा (नेशनल इनीसिएटिव फार स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलीस्टिक एडवांसमेंट) कार्यक्रम की जिन राज्यों और केंद्र शामिल प्रदेशों में शुरुआत भी हुई है, वहां भी स्थिति संतोषजनक नहीं है। इनमें अभी तक सिर्फ 1.19 लाख शिक्षकों को ही प्रशिक्षित किया गया है। इनमें राजस्थान, झारखंड, बिहार जैसे भी राज्य हैं, जहां कार्यक्रम शुरू हो गया है लेकिन अभी तक ब्लाक स्तर पर तय लक्ष्य के तहत की-रिसोर्स पर्सन (मास्टर ट्रेनर) का ही प्रशिक्षण पूरा नहीं हो पाया है। इस कार्यक्रम के तहत अकेले बिहार के 3.68 लाख, उत्तर प्रदेश के 4.57 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना है। योजना के तहत प्रत्येक ब्लाक स्तर पर छह मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाने हैं।

गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़ी इस योजना की शुरुआत अगस्त 2019 में की थी। इसका जिम्मा एनसीईआरटी को दिया गया है। इसके साथ ही अभियान में मंत्रलय में स्कूली शिक्षा से जुड़े सभी संस्थानों, राज्यों और गैर-सरकारी संस्थानों की भी मदद ली गई है।

सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़ा है प्रोग्राम

’>>उत्तर प्रदेश सहित 15 राज्यों में अभी तक नहीं शुरू हो सका

’>>छह महीने में पूरा होना है प्रशिक्षण, कई अन्य राज्यों में भी रफ्तार धीमी

’>>इसके तहत 42 लाख शिक्षकों को दिया जाना था प्रशिक्षण

इसलिए दिया जा रहा प्रशिक्षण

शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के पीछे सरकार की बड़ी कोशिश स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। यही वजह है कि शिक्षकों के प्रशिक्षण का जो मॉड्यूल तैयार किया गया है, उसमें स्कूली बच्चों को कैसे बेहतर तरीके से पढ़ाया जा सकता है, इसे प्रशिक्षण में शामिल किया गया है। इसके साथ ही प्रशिक्षण में बच्चों के मनोविज्ञान को समझने और तकनीक आदि से जुड़ा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इनमें बच्चों के स्ट्रेस को दूर करने के लिए योग को भी शामिल किया गया है।

इन 15 राज्यों में नहीं शुरू हो सका शिक्षकों का प्रशिक्षण

देश के 15 राज्यों में अभी तक शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम नहीं शुरू हो सका है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, केरल, तेलंगाना, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, नगालैंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश शामिल हैं।

‘निष्ठा’ की रफ्तार थमी, दिखने लगी सुस्ती

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