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फतेहपुर : तो सीएल लेने साइबर कैफे जाएंगे परिषदीय शिक्षक! आनलाइन अवकाश लेने की व्यवस्था पर खड़े किए गए सवाल

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फतेहपुर : तो सीएल लेने साइबर कैफे जाएंगे परिषदीय शिक्षक! आनलाइन अवकाश लेने की व्यवस्था पर खड़े किए गए सवाल

व्यवस्था पर सवाल

' आनलाइन अवकाश लेने की व्यवस्था पर खड़े किए गए सवाल

' शिक्षकों को आनलाइन कार्य प्रणाली के लिए टेबलेट मांगा

' सैकड़ों महिला शिक्षकों को स्मार्टफोन संचालन में समस्या

फतेहपुर/खागा । बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 1 नवंबर से विभिन्न अवकाशों के लिए आनलाइन माध्यम प्रयोग किए जाने की व्यवस्था फिलहाल परिषदीय शिक्षकों को रास नहीं आ रही है। अंदरखाने चर्चा की जा रही है कि विभाग व्यावहारिक पक्ष पर ध्यान नहीं दे रहा है। हेडमास्टरों को टेबलेट मुहैया कराए बिना विभाग कैसे आनलाइन अवकाश के लिए दबाव डाल सकता है। यह भी तर्क दिया जा रहा है कि पुराने शिक्षक स्मार्टफोन संचालन के आदी नहीं हैं। इस स्थिति में सीएल समेत अन्य अवकाश के लिए साइबर कैफै या दूसरों का मुंह ताकना होगा।

गत 1 नवंबर से परिषदीय शिक्षकों के लिए सैद्धांतिक तौर पर भले ही आनलाइन अवकाश की व्यवस्था लागू हो गई है लेकिन व्यवहार में इसके लागू होने में कई कठिनाईयां आ रही हैं। जहां नए समस्या सर्वर व अन्य तकनीकी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो वहीं पुराने शिक्षक अवकाश के लिए किसके पास जाएं, इस पर ही विचार कर रहे हैं। शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विभाग को नियमों की व्यावहारिकता पर अधिक पक्ष देना चाहिए। वह बताते हैं कि आनलाइन अवकाश की व्यवस्था एक हिसाब से अच्छा कदम है लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यह कारगर साबित नहीं हो रहा है।

नई व्यवस्था लागू करने से पहले विभाग इसके संचालन के लिए टेबलेट व इंटरनेट के साथ प्रशिक्षण भी देता तो कहीं बेहतर होता। विभाग ने नया नियम तो लागू कर दिया लेकिन यह समझने की कोशिश नहीं की जो शिक्षक रिटायरमेण्ट की कगार पर हैं या फिर डिजीटल तकनीक से दूर रहते हैं, वे इस व्यवस्था को कैसे अपनाएंगे। शिक्षक कहते हैं कि जो शिक्षक स्मार्टफोन नहीं रखते हैं, उन्हें अवकाश लेने के लिए या तो साइबर कैफे जाकर आवेदन कराना होगा या फिर दूसरों पर निर्भर रहना होगा। इस दशा में वैकल्पिक व्यवस्था भी अमल में लानी चाहिए।

प्राशिसं ने भी किया विरोध: संघ के जिला मंत्री ने बीएसए को पत्र भेजकर इस व्यवस्था को अव्यवहारिक बताया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जब तक संसाधन व प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है तब तक पुरानी व्यवस्था से ही अवकाश दिए जाएं।

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