लखनऊ : सीएम ने खुद संभाली पीएफ वापसी की कमान
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : भविष्य निधि घोटाले में रकम फंसने के बाद अपने भविष्य को लेकर फिक्रमंद बिजली कर्मियों का आंदोलन धार पकड़ता जा रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मामले की कमान संभाल ली है। गुरुवार को उन्होंने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ बैठक कर डीएचएफएल से रकम वापसी के सभी विकल्पों की समीक्षा की। माना जा रहा है कि बिजलीकर्मियों के आंदोलन को देखते हुए सरकार जल्द ही जीपीएफ-सीपीएफ के भुगतान का उत्तरदायित्व लेने जैसा फैसला कर सकती है।
दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में रकम फंसने के बाद कर्मचारियों की नजर सरकार की ओर है कि अब क्या कदम उठाया जाएगा, जिससे उनकी भविष्य निधि का पैसा सुरक्षित वापस आ सके। इसी को लेकर कर्मचारी आंदोलित भी हैं। इस पर गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री ने कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर इस मामले को लेकर अहम बैठक की। बैठक में ऊर्जामंत्री के अलावा मुख्य सचिव, डीजीपी व अन्य संबंधित अफसर उपस्थित रहे।
बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ट्वीट कर जानकारी दी कि सीएम ने भविष्य निधि की सुरक्षित वापसी के सभी विकल्पों की समीक्षा की है। कहा है कि उपभोक्ता हित और राजस्व वसूली प्रभावित न हो, कार्मिक इसकी चिंता करें। सरकार पीएफ की वापसी के लिए प्रतिबद्ध है। ऊर्जामंत्री ने बताया कि बिजलीकर्मियों को भविष्य निधि का नियमित भुगतान हो रहा है। इससे पहले 28 नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा कर चुकी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने गुरुवार को ही योगी को पत्र लिखा। समिति ने अपील की कि सीएम में हस्तक्षेप कर गजट नोटिफिकेशन जारी करें।
प्रदेशभर में होती रहीं विरोध सभाएं : संघर्ष समिति की विरोध सभाएं और प्रदर्शन का सिलसिला प्रदेश भर में चलता रहा। राजधानी स्थित शक्ति भवन पर हुई सभा में बिजली कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री के इस बयान पर आक्रोश व्यक्त किया, जिसमें उन्होंने पीएफ घोटाले के लिए ट्रस्ट के कर्मचारी प्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया है।
उत्पीड़न किया तो जेल भरेंगे : संघर्ष समिति ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के नोटिस में सरकार को चेतावनी भी दी है। कहा है कि उत्पीड़न किया गया तो जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
इधर पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यसमिति की बैठक गुरुवार को हुई। इसमें कहा गया कि अभी तक सरकार व कार्पोरेशन ने सकारात्मक कदम नहीं उठाया, इसलिए शुक्रवार से दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता 26 नवंबर तक काली पट्टी बांधकर दो घंटे अधिक काम करेंगे।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : बिजलीकर्मियों के भविष्य निधि घोटाले में दिल्ली के दो और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) से लंबी पूछताछ की है। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ब्रोकर फर्मो के जरिये हुए करोड़ों के कमीशन का लखनऊ कनेक्शन भी खोज निकाला है। सूत्रों का कहना है कि लखनऊ के महानगर क्षेत्र निवासी ब्रोकर फर्म संचालक अश्वनी भसीन व राहुल भसीन समेत तीन फर्म संचालकों से लंबी पूछताछ की गई। अश्वनी भसीन व राहुल भसीन की चार ब्रोकर फर्मे, जिनमें दो फर्मे लखनऊ व दो फर्मे दिल्ली के पतों पर रजिस्टर्ड हैं। दोनों को कमीशन के करीब सवा करोड़ रुपये का भुगतान हुआ था। ईओडब्ल्यू को फर्म संचालकों के आरोपित सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता के संपर्क में होने की जानकारियां भी मिली हैं, जिन्हें तस्दीक कराया जा रहा है। ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी सामने आया है कि श्रीन कंसलटेंट व एरीज एंड कंपनी नाम से रजिस्टर्ड फर्मो के जरिये भी निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश कराया गया था।