नोएडा : साक्षात्कार में नाम, जाति नहीं कोड होगा प्रतियोगी की पहचान
सरकारी सेवाओं में चयन के लिए भाई भतीजावाद, गड़बड़ी के कारण अपनी साख खो चुका उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पारदर्शिता में एक बार फिर अपनी चमक पा चुका है। अब कोई भी प्रतियोगी सिफारिश या धनबल के सहारे सरकारी सेवा में चयनित नहीं हो सकेगा। योग्य व प्रतिभावान अभ्यार्थी को ही नौकरियों के अवर मिलेंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने कई ऐसे प्रभावी कदम उठाए हैं, जिनसे आयोग की कार्यशैली में सुधार एवं पारदर्शिता बढ़ी है।
आयोग ने काफी कम समय में एक के बाद एक कई परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर चयन प्रक्रिया को पूरा किया है। आयोग का लक्ष्य दिसंबर अंत तक सभी बैकलॉग क्लियर करने का है। उल्लेखनीय है कि पूर्व की सरकारों में भर्तियों में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं। इसके खिलाफ प्रतियोगियों को कोर्ट का दरवाजा तक खटखटाना पड़ा था। मौजूदा प्रदेश सरकार ने तेज तर्रार सेवानिवृत्त आइएएस डॉ. प्रभात कुमार को लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाकर इसकी शुचिता कायम करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। बागडोर संभालते ही डॉ. प्रभात कुमार ने आयोग की कार्यशैली में कई अमूलचूल बदलाव किए। जिसकी वजह से आयोग के काम की गति तेज होने के साथ ही इसका फायदा उन प्रतियोगियों को मिला, जो वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने का इंतजार कर रहे थे।
डॉ. प्रभात कुमार ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में बताया कि आयोग ने साक्षात्कार में भाई भतीजावाद खत्म करने के लिए अहम कदम उठाते हुए नई व्यवस्था लागू की। साक्षात्कार लेने वाले पैनल के सामने प्रतियोगी की व्यक्तिगत जानकारी रखने की परिपाटी को समाप्त कर कोड व्यवस्था लागू की गई। प्रतियोगी के नाम, जाति, उसके निवास क्षेत्र की जानकारी पैनल के सामने नहीं होगी। पैनल में शामिल होने वाले विशेषज्ञों के नाम व साक्षात्कार में सम्मिलित होने वाले प्रतियोगियों की कोड संख्या भी उसी दिन सुबह ही तय होगी। डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि साक्षात्कार शुरू होने से पहले किसी को नहीं पता होता कि किस पैनल में कौन-कौन शामिल हैं। उनकी मिलीभगत की संभावनाएं लगभग पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगी। साक्षात्कार में अंकों का निर्धारण भी इस तरह किया गया है कि पैनल में शामिल कोई भी विशेषज्ञ किसी प्रतियोगी को खास फायदा नहीं पहुंचा पाएगा। उन्हें निगेटिव, पॉजिटिव व अंकों के रूप में आकलन करना होता है।
’>>दिसंबर तक बैकलॉग पूरा कर देगा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग
’>>साक्षात्कार से कुछ समय पहले तय होंगे पैनल के लिए विशेषज्ञों के नाम