फतेहपुर : शिक्षा संग व्यवसाय का हुनर भी सिखाएंगे
श्रम विभाग द्वारा ड्राप आउट व कामगार बच्चों के लिए श्रमिक विद्यालयों का संचालन स्वयं सेवी संस्थाओं के जरिये कराया जाता है। बदले में विभाग इन संचालित विद्यालयों में कार्यरत स्टाफ के लिए मानदेय, जरूरी सुविधाओं के लिए ग्रांट देता है। हकीकत यह है कि संस्थाओं द्वारा संचालित स्कूलों में बच्चों की संख्या रजिस्टर में तो अंकित की जाती है, लेकिन गुणवत्ता परक शिक्षा पर सवाल रहता है। इस बार 1149 बच्चों की शिक्षा के लिए पुन: श्रम विद्यालय संस्थाओं के जरिए संचालित कराए जाने हैं, लेकिन सीडीओ ने संस्था चयन में मानक की अनदेखी पर शिकंजा कसा है। बैठक दौरान सहायक श्रमायुक्त सुविज्ञ सिंह, बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह, सीएमओ डॉ. उमाकांत पांडेय समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
श्रम विभाग की समीक्षा बैठक करतीं सीडीओ थमीम अंसारिया ’ जागरण
’>>गरीबों की शिक्षा में मानक से कोई समझौता नहीं
’>>स्वंय सेवी संस्थाओं के चयन की प्रक्रिया जल्द होगी शुरू
नीति आयोग में पंजीकृत को मौका
नये नियमों के तहत श्रम विद्यालय स
संचालन का मौका उसी संस्था को मिलेगा। जिसका पंजीयन नीति आयोग में हुआ हो, और संस्था द्वारा वार्षिक रूप में इनकम टैक्स के लिए फार्म-12 ए भरा जाता हो। संबंधित कार्य के लिए संस्था के पास कम से कम तीन वर्ष का अनुभव हो।