मैनपुरी : एबीआरसी और एनपीआरसी को मूल विद्यालयों में भेजे
शासन ने बीते माह बेसिक शिक्षा में ब्लॉक स्तर पर तैनात एबीआरसी और न्याय पंचायत स्तर पर तैनात एनपीआरसी को उनके मूल विद्यालय भेजने के निर्देश दिए थे। यह कदम पूर्ववर्ती व्यवस्था को खत्म करते हुए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन का चयन करने को लेकर उठाया गया। सोमवार से पहले तक जिला के नौ ब्लॉक और एक नगर क्षेत्र में 40 एबीआरसी काम कर रहे थे, जबकि न्याय पंचायत स्तर पर 88 एनपीआरसी तैनात थे। इनको लेकर शासन का मानना था कि इनके सर्पोटिंग सुपरविजन में कार्य कुशलता और दक्षता की कमी रही, जिससे बच्चों के लर्निंग आउटकम में कोई सुधार नहीं हुआ। अब इनके स्थान पर एआरपी की तैनाती करने का फैसला हुआ। जानकार बताते हैं कि शासन से बीते माह ऐसा आदेश जारी होने के बाद बीएसए कार्यालय ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया। सभी एबीआरसी और एनपीआरसी पुराने दायित्वों को संभालते रहे। सोमवार को एबीआरसी और एनपीआरसी को मूल विद्यालय भेजने के आदेश आनन- फानन में हो गए।
एबीआरसी और एनपीआरसी को शासन के आदेश और डीएम के अनुमोदन के बाद उनके मूल विद्यालय भेजा गया है। यह अब केवल पढ़ाने का काम करेंगे।
विजय प्रताप, बीएसए
ग्रे¨डग से तय होगी शिक्षक और अफसरों की योग्यता
जासं, मैनपुरी: प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षणिक स्तर की गुणवत्ता सुधारने को अपनाए गए ग्रे¨डग सिस्टम से शिक्षक और अफसरों की योग्यता तय होगी। परीक्षा का मूल्यांकन 25 नवंबर तक अपलोड करना होगा। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कवायद की जा रही है। इसी के मद्देनजर बीते दिनों ग्रे¨डग परीक्षा कराई गई थी। बोर्ड पैटर्न पर आयोजित परीक्षा के बाद जारी होने वाले परिणाम अब बीएसए के अलावा शिक्षकों की योग्यता को भी तय करेंगे। आठ नवंबर को आयोजित कक्षा पांच से आठ तक के छात्र-छात्रओं की इस परीक्षा का मूल्यांकन 25 नवंबर तक अपलोड करना होगा। बीएसए विजय प्रताप का कहना है कि मूल्यांकन का काम चल रहा है। 25 नवंबर तक इसे अपलोड कर दिया जाएगा। इसके बाद स्कूल और शिक्षकों की योग्यता सामने आएगी।