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रायबरेली : अफसरों के लचर रवैये से कस्तूरबा में बढ़ा विवाद

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रायबरेली : अफसरों के लचर रवैये से कस्तूरबा में बढ़ा विवाद

संवादसूत्र, जगतपुर : कस्तूरबा विद्यालय लगातार विवादों का केंद्र बनता जा रहा है। शिक्षण माहौल पूरी तरह से चौपट हो गया है। वहीं अब तक के घटनाक्रम में अफसर भी लचर रवैया अपनाए हुए हैं। नतीजतन शिक्षक, छात्र और अभिभावकों के दो गुट बन गए हैं।

बीते मंगलवार को ऊंचाहार तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस में चार अभिभावक शिव कुमार, राजकुमारी, सुनीता देवी और मो. साबिर ने वार्डेन पर गंभीर आरोप लगाए। बाद में बालिकाओं के साफ-सफाई, सब्जी काटने, वार्डेन के बालों में मेहंदी लगाने का वीडियो वायरल हुआ तो विभाग के अफसरों की नींद उड़ गई। शुक्रवार को दोपहर में बीईओ नगर और जगतपुर जांच करने भी पहुंचे। वहीं शाम को अचानक माहौल फिर बिगड़ गया। अफसरों ने पहुंचकर किसी तरह सबको शांत कराया।

यह है विवाद का कारण : कस्तूरबा स्कूल में नीलम सिंह कार्यवाहक वार्डेन के रूप मे तैनात थी। बाद में कुसुमा देवी को वहां स्थायी वार्डेन के रूप में भेजा गया। दोनों एक ही विषय की थी। ऐसे में शिक्षिका नीलम सिंह का स्थानांतरण 30 सितंबर को हरचंदपुर कर दिया गया। इसी के बाद से विवाद बढ़ गया। कुछ अभिभावक नीलम तो कुछ वार्डेन के साथ हो गए।

माहौल से निराश है अभिभावक : अभिभावक शिव बहादुर की बेटी संध्या और सुधीर कुमार की सारिका कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ती हैं। अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में दो गुट बने हैं। जिससे पढ़ाई चौपट हो गई। अभिभावक हीरालाल कहते है कि शिक्षा में राजनीति हो रही है। कार्रवाई होनी चाहिए।

दो महिला सिपाहियों की तैनाती : किसी तरह का विवाद न हो इसके लिए विद्यालय परिसर में दो महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है। हालांकि शनिवार की सुबह स्कूल से सभी छात्रएं अपने घर चली गयी हैं। उसके बाद ताला बंद कर दिया गया। बीईओ राजेश राम ने बताया कि मामले की जांच करके पूरी आख्या उच्चाधिकारियों को भेज दी है। अब कोई भी कदम जिला मुख्यालय से उठाया जाएगा।

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