मेरठ : गले नहीं उतर रही दुबई गई शिक्षिका की 33 दिनों की पटकथा
शिक्षिका के दुबई जाने का मामला थाने से संसद तक उठा। परिवार के लोग ही पाकिस्तान के नदीम पर उसे अगवा करने के आरोप लगा रहे थे। शिक्षिका मिली तो पूरी कहानी ही पटल गई। शिक्षिका ने जो कहानी बयां की, वह गले से नीचे नहीं उतर रही है।
शिक्षिका ने बताया कि अपनी जेब खर्ची एकत्र की हुई थी, कुछ स्कूलों में पढ़ाने के दौरान जो मानदेय मिला। उसी रकम से उसने पासपोर्ट बनवाया और अकेले ही एयरपोर्ट तक पहुंच गई। हैरत की बात यह है कि नदीम ने उसे दुबई में रिसीव नहीं किया और ना ही मिला, जबकि नदीम ने उसका टिकट और वीजा का खर्च उठाया था। नदीम ने ही नौकरी दिलाने के लिए बहकाया और दुबई तक जाने के लिए प्रेरित किया। नाटकीय ढंग से एयरपोर्ट पर ही शिक्षिका को केरल का परिवार मिल जाता है, जो उसकी मदद करता है। उसे अपने पास ही अलग रूम में रखता है। उसके बाद अरबी सीख लेती है, सवाल यह है कि इतनी रकम शिक्षिका कहां से लेकर गई थी? उसका कहना है कि रकम खत्म होने के बाद ही उसने दुबई में भारतीय दूतावास से संपर्क किया था।
ये थी घटना
सात नवंबर को कंकरखेड़ा के रामनगर की शिक्षिका अपना पासपोर्ट बनवाकर दुबई चली गई थी। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने संसद में भी मामले को उठाया। उसके बाद पुलिस ने शिक्षिका के फेसबुक की पड़ताल की, जिसमें सामने आया कि शिक्षिका काफी दिनों से पाकिस्तान के नदीम के संपर्क में थी। पुलिस ने शिक्षिका को बरामद करने के लिए दिल्ली में यूएई दूतावास को पत्र जारी किया। उसके बाद विदेश मंत्रलय तक संपर्क किया गया था।
जागरण संवददाता, मेरठ : कंकरखेड़ा के रामनगर की रहने वाली शिक्षिका ने पुलिस और परिवार के लोगों को आपबीती सुनाई। उसने बताया कि पासपोर्ट खुद बनवाया था, जबकि टिकट और वीजा पाकिस्तान के नदीम ने कराया।बुधवार की सुबह एसपी सिटी, सीओ दौराला और इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा के रामनगर शिक्षिका के घर पहुंचे और जानकारी ली।
केरल के एक परिवार के साथ रही शिक्षिका
एसपी सिटी अखिलेश नारायण ने बताया कि शिक्षिका ने जेब खर्ची से जोड़ी गई रकम से पासपोर्ट बनवाया तथा पासपोर्ट की प्रति पाकिस्तान के नदीम को भेज दी। नदीम ने ऑनलाइन टिकट कराया और वीजा बनवा दिया। शिक्षिका ने बताया कि वह एयरपोर्ट पहुंची तो उसे नदीम नहीं मिला। बल्कि एक केरल का परिवार मिल गया, जो उसे अपने साथ घर पर ले गया। वहीं पर रहकर उसने अरबी सीखी तथा कई कंपनियों में नौकरी के लिए घूमी, लेकिन टूरिस्ट वीजा के चलते नौकरी नहीं मिल पाई।
’>>वीजा और टिकट की रकम देने के बाद भी नदीम नहीं मिला
’>>दावा किया नौकरी ढूंढी, अरबी सीखी और खुद ही लौट आई
शिक्षिका दुबई से लौट आई है। पुलिस ने उससे पूछताछ की है, उसने खुद जाने की बात कही है। नदीम से दुबई में संपर्क होने से भी इन्कार कर दिया है। फिलहाल पुलिस ने जीडी में शिक्षिका की बरामदगी दर्ज कर दी है।
अजय साहनी, एसएसपी
शिक्षिका ने दी पाकिस्तानी नदीम को क्लीनचिट
पूरे घटनाक्रम में शिक्षिका ने पाकिस्तानी नदीम को क्लीनचिट दे दी, जबकि ट्विटर हर रोज परिवार को जवाब भी दे रहा था। उसने मैसेज भी छोड़ा था कि दुबई से पाकिस्तान जा रहा है। अब परिवार के लोग और पुलिस भी दावा कर रही है कि शिक्षिका के अंदर कुछ कर गुजरने का जुनून है। इसलिए वह दुबई जाने का निर्णय कर चुकी थी।