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मुजफ्फरनगर : 35 हजार छात्र..तीन एनजीओ, निगरानी में खानापूरी

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मुजफ्फरनगर : 35 हजार छात्र..तीन एनजीओ, निगरानी में खानापूरी

संजीव तोमर ’ मुजफ्फरनगर । बच्चों में कुपोषण का कलंक धोने को सरकारी विद्यालयों में लागू की गई मिड-डे मिल योजना विभागीय उदासीनता के चलते मजाक बनकर रह गई है। आलम यह है योजना के जिला प्रभारी और अधिकारी छात्रों की संख्या गिनने और रिपोर्ट शासन को भेजने तक सीमित रह गए हैं। बच्चों को मेन्यू के हिसाब से भोजन परोसा जा रहा है या नहीं, इसकी निगरानी तक नहीं हो पा रही है। स्वभाविक है कि इन सब के चलते सरकार की महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर दम तोड़ रही है।

जनता इंटर कॉलेज मुस्तफाबाद, पचेंड़ा में मिड-डे मिल में मरा हुआ चूहा मिलने की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भोजन की जिम्मेदारी हेडमास्टरों और ग्राम प्रधानों को दी गई है, जबकि इंटर कॉलेजों में कक्षा आठवीं तक के बच्चों को दोपहर का भोजन परोसने की जिम्मेदारी एनजीओ के पास है। जनपद में हापुड़ की एनजीओ जनकल्याण सेवा समिति, मेरठ की एनजीओ श्री बालाजी और बदायूं की एनजीओ यूनाइटेड 290 इंटर कॉलेजों के 35 हजार छात्रों को मिड डे मील परोसती हैं।

हापुड़ की एनजीओ जनता इंटर कॉलेज मुस्तफाबाद, पचेंड़ा समेत 28 विद्यालयों के करीब 10 हजार छात्रों को भोजन देती हैं। एक साल से अधिक समय से एनजीओ इंटर कॉलेजों में मिड-डे मील की सप्लाई कर रहे हैं, लेकिन आरोप है कि भोजन की गुणवत्ता को चेक करने के नाम पर खानापूरी की जा रही है। विद्यालयों में भी कमोवेश यहीं स्थिति है, प्रधानाचार्यों ने शिक्षकों को गुणवत्ता चेक करने की जिम्मेदारी दे रखी है, जबकि मिड डे मील वितरण के दौरान प्रधानाचार्य की मौजूदगी अनिवार्य होती है। मिड डे मील में सबसे अहम जिम्मेदारी बीएसए और मिड डे मील के जिला कोर्डिनेटर की होते हैं। अधिकारी मिड डे मील प्राधिकरण और शासन को रिपोर्ट भेजकर अपने कार्य की इतिश्री कर देते हैं।

मिड-डे मील में निकले थे कीड़े

गत दिनों एसडी इंटर कॉलेज में मिड डे मील में कीड़े निकले थे। छात्रों और शिक्षकों के विरोध के बाद बीएसए ने एनजीओ को फटकार लगाते हुए कार्य सुधार की चेतावनी दी थी। इस मामले की शासन को गोलमोल रिपोर्ट भेजी गई थी।

प्रधानाचार्यों ने खड़े कर दिए थे हाथ

आठ साल पहले इंटर कॉलेज में मिड-डे मील की जिम्मेदारी प्रधानाचार्यों को दी थी। तत्कालीन डीएम पंकज कुमार ने डीएवी इंटर कॉलेज में बैठक कर निर्देश दिए थे, जिसका प्रधानाचार्यों ने बैठक में ही विरोध कर दिया था। उन्होंने तर्क दिया था कि वह बच्चों को पढ़ाएंगे या भोजन खिलाएंगे। दोनों कार्य एक साथ नहीं कर सकते। डीएम ने दबाव डाला तो प्रधानाचार्य हाईकोर्ट चले गए थे।

मुजफ्फरनगर के गांव पचेंड़ा स्थित जनता इंटर कालेज में मिड डे मील खाने वाले बच्चों को उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे शिक्षक डा. मुन्नू प्रसाद फोन पर अपने उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी देते हुए ’ जागरण

मुजफ्फरनगर के पचेंडा गांव स्थित जनता इंटर कालेज में मिड-डे-मील में मरा हुआ चूहा निकलने के बाद छात्रों व शिक्षक की तबीयत होने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने पर खतौली के पूर्व माध्यमिक विद्यालय, पक्का बाग में दाल चावल का रखा गया सैंपल ’ जागरण

35 हजार छात्र..तीन एनजीओ, निगरानी में खानापूरी

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