बरेली : सरकारी स्वेटर में हुआ ‘कमीशन का छेद’, फर्म ने भेजे 50 हजार स्वेटर
पूर्व माध्यमिक विद्यालय मझौआ गंगापुर में 131 छात्र पंजीकृत है। गुरुवार को स्वेटर वितरण की पहली खेप में 40 स्वेटर पहुंचे। प्रधानाध्यापिका ने आठवीं के छात्रों को स्वेटर बांट दिया। इसमें सात स्वेटर में छेद था। छेद से अंगुली आर-पास हो रही थी। बच्चों ने शिकायत की तो स्वेटर वापस नहीं लिए गए। इसी बीच गांव वाले वहां पहुंच गए। विरोध के चलते प्रधानाध्यापिका ने स्वेटर वापस ले लिए। प्रधानाध्यापिका रजनी पटेल ने बताया कि स्वेटर वापस नहीं लेने का आरोप गलत है। विभागीय अफसरों को जानकारी दे दी है। उधर, नगर शिक्षा अधिकारी देवेश राय ने बताया कि आठवीं कक्षा के छात्र-छात्रओं की लंबाई के अनुसार स्वेटर नहीं होते। ऐसे में बच्चों को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। स्वेटर में कोई भी कमी होने पर ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) से शिक्षक स्वेटर बदल सकते हैं। फटे हुए स्वेटर वितरण की जानकारी नहीं है। अगर शिक्षिका ने स्वेटर लेने से मना किया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं, आपूर्ति पूरी करने के चक्कर में फर्म ने पांच ब्रांड के स्वेटर भेजे हैं। इसमें ओसवाल ग्रीन पैरेंट वाला, ओसवाल कलेक्शन, रोशनी ओसवाल हॉजी, वीपी ओसवाल और जयश्री बालाजी ओसवाल ब्रांड के स्वेटर भेजे हैं। जिनको देखकर गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
फर्म ने भेजे 50 हजार स्वेटर
जासं, बरेली : दैनिक जागरण ने परिषदीय स्कूलों में स्वेटर आपूर्ति में शिथिलता के मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिस पर शासन ने आपूर्ति कर रही फर्म को फटकार लगाई। खबर का संज्ञान लेते हुए सीडीओ ने फर्म का 25 फीसद भुगतान रोक दिया। इस पर फर्म ने 50 हजार स्वेटर भेज दिए। कानपुर की फर्म शुभम हैंडलूम को 16 जिलों में स्वेटर बांटने का जिम्मा मिला है। जिले में 3,37,135 छात्र-छात्रओं को स्वेटर बांटे जाने हैं लेकिन, फर्म ने अंतिम तिथि तक सिर्फ 58764 स्वेटर ही भेजे।