प्रदेश सरकार ने महिला शिक्षामित्रों, महिला अंशकालिक अनुदेशकों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में संविदा पर कार्यरत महिला शिक्षिकाओं की बड़ी मांग पूरी कर दी है। उन्हें मानदेय के साथ छह माह का मातृत्व अवकाश देने का फैसला किया गया है। सोमवार को इस संबंध में शासनदेश जारी कर दिया गया।
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार की तरफ से जारी इस शासनादेश में छह माह (180 दिन) के मानदेय सहित मातृत्व अवकाश मंजूर किए जाने की जानकारी दी गई है। महिला शिक्षामित्रों को मातृत्व (प्रसूति) अवकाश दिए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। इस शासनादेश से लगभग 70-80 हजार महिला शिक्षामित्रों को लाभ होगा। प्रदेश के कुल 1.58 लाख शिक्षामित्रों में से 60 फीसदी महिलाएं हैं। इसी तरह महिला अंशकालिक अनुदेशकों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में संविदा पर कार्यरत महिला शिक्षिकाओं को भी इसका लाभ मिलेगा। अभी तक उन्हें बिना मानदेय के छुट्टी मिलती थी। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने इस फैसले के लिए प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया है।
अभी यह थी व्यवस्था
महिला शिक्षामित्रों को अभी तक तीन महीने का प्रसूति अवकाश मिलता था, लेकिन इसमें भी शर्त थी। महिला शिक्षामित्र के परिवार के ही इंटर पास किसी व्यक्ति को ग्राम शिक्षा समिति द्वारा प्रस्ताव पास करके विद्यालय में पढ़ाना पड़ता था। यदि परिवार में कोई नहीं मिलता था तो मानदेय की कटौती हो जाती थी। नए शासनादेश ने अब उन्हें नियमित शिक्षकों की तरह ही मातृत्व अवकाश मिलेगा।