ALLAHABAD HIGHCOURT, GPF : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी के साथ संयुक्त फोटो न देने पर कर्मचारी के जीपीएफ का भुगतान रोका नहीं जा सकता
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी के साथ संयुक्त फोटो न देने पर कर्मचारी के जीपीएफ का भुगतान रोका नहीं जा सकता है। कोर्ट ने वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार, वाराणसी को निर्देश दिया है कि सेंट्रल जेल आरक्षी पद से सेवानिवृत्त सत्य धारी सिंह को जीपीएफ और प्रतिमाह पेंशन का भुगतान करें।विज्ञापन कोर्ट ने कहा है कि याची सेवा जनित अन्य परिलाभों का भुगतान पाने का भी अधिकार है। याची को अपनी पत्नी के साथ संयुक्त फोटो देने के लिए बाध्य न किया जाए। याचिका की अगली सुनवाई तीन जनवरी को होगी। कोर्ट ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने सत्य धारी सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता घनश्याम मौर्या ने बहस की। इनका कहना था कि पति-पत्नी के संयुक्त फोटोग्राफ देने को बाध्य करने का विभाग को अधिकार नहीं है। यह मनमाना पूर्ण कार्य है। और फोटोग्राफ न जमा करने पर जीपीएफ सहित पेंशन आदि का भुगतान न करना कानून के खिलाफ है।