फतेहपुर : गुणवत्ता में कमी तो कहीं मानकों से खिलवाड़
समाज कल्याण विभाग द्वारा शहर मुख्यालय में बीआर आंबेडकर शिक्षा सदन सवित्त स्कूल- सीओ दफ्तर के सामने चूल्हे में एमडीएम पकता हुआ मिला। पर्यावरण प्रभावित न हो इसके लिए हर विद्यालय को रसोई गैस का कनेक्शन दिया गया है और गैस सिलेंडर भरवाने के दाम दिए जा रहे हैं। इस विद्यालय में अभी तक चूल्हा की धधक रहा है।
प्राथमिक विद्यालय जहानपुर: स्कूल में 56 छात्र पंजीकृत है। इसमें 22 छात्र मौजूद रहे। दाल में सब्जी का पूरी तरह से अभाव रहा है। बच्चों को दाल-चावल वितरित किया गया था। दाल भी बेहद पतली नजर आई।
प्राथमिक पाठशाला पैगम्बरपुर: पंजीकृत 61 छात्रों में मौके पर 25 छात्र ही मौजूद मिले। दाल में कोई हरी सब्जी नहीं डाली गई थी। बच्चों को खाने में सिर्फ दाल और चावल ही दिया गया।
प्राथमिक पाठशाला द्वारिकापुर जट्ट: यहां पर पंजीकृत छात्र संख्या 97 हैं। मौजूदगी सिर्फ 57 छात्रों की रही । यहां पर दाल व चालव ही एमडीएम में परोसा गया। दाल में सब्जी का अभाव रहा।
प्राथमिक पाठशाला रानीपुर: छात्र संख्या 120 पंजीकृत है तो मौजूद छात्र सिर्फ 65 मिले। यहां पर भी केवल दाल और चावल बच्चों को खिलाया गया।
प्राथमिक पाठशाला देवमई: 160 पंजीकृत बच्चों में मौजूदगी 140 छात्रों की रही। यहां पर भी केवल दाल और चावल ही मध्यान्ह भोजन में दिया गया। सब्जी का अभाव रहा है।
प्राथमिक पाठशाला जोनिहां: यहां पर सब्जी बनी दाल नहीं बनाई गई। बच्चों को सब्जी और चावल खाने में दिया गया। छात्र संख्या 53 पंजीकृत है। उपस्थिति 40 छात्रों की रही।
जूनियर हाई स्कूल खखरेड़ू में 50 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। मंगलवार को यहां पर 36 छात्र उपस्थित रहे। मध्याह्न भोजन में सब्जी युक्त दाल व चावल परोसा जाना था जबकि सब्जी नदारत रही तो दाल-चावल का वितरण हुआ।
प्राथमिक विद्यालय खेमकरनपुर में 95 पंजीकृत के सापेक्ष 49 बच्चे विद्यालय आए थे। बच्चों को एक लाइन में बिठाकर सब्जी युक्त दाल व चावल परोसा गया।
हथगाम ब्लाक के मोहलिया गांव के जूनियर हाई स्कूल में पंजीकृत 77 में से 65 छात्र-छात्रएं मौजूद रहे। मीनू के मुताबिक बच्चों को सब्जीयुक्त दाल व चावल परोसा गया। हलांकि हरी सब्जी की उपलब्धता सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए मिली।
प्राथमिक पाठशाला द्वितीय में 103 में 76 बच्चे रहे। कुछ समय पहले ही यहां पर बच्चों को मध्याह्न भोजन परोसा गया था। विद्यालय के एक कोने पर तहरी पड़ी हुई थी। शिक्षकों का दावा था बच्चों को सब्जीयुक्त दाल व चावल परोसा गया।
ऐरायां ब्लाक के दावतमई कसार गांव के परिषदीय स्कूल में पंजीकृत 62 में 50 बच्चे रहे। मीनू के मुताबिक बच्चों को दाल व चावल पारोसा गया था। दाल में सब्जी का मिश्रण नहीं दिखाई पड़ रहा था। बच्चों को स्वाद अच्छा न होने के बाद भी पेट भरने के लिए भोजन करना पड़ता है।
टास्कफोर्स भी कर रहा हवा हवाई निरीक्षण: एमडीएम की गुणवत्ता को लेकर जिला और ब्लाक स्तर पर टास्कफोर्स का गठन किया गया है। एमडीएम को लेकर जांच की जिम्मेदारी अफसरों को दी गई है। कार्यक्षेत्र के इलाकों में जाकर एमडीएम की गुणवत्ता की रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपनी होती है। कुल मिलाकर जिस तरह से एमडीएम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। उसमें कहीं न कहीं दायित्व निर्वहन पर आंच आ रही है।