सिद्धार्थनगर : राजकीय विद्यालय में सुविधाओं की दरकार
स्कूल में कुल 581 छात्र छात्रएं पंजीकृत हैं। जिनके पठन-पाठन का जिम्मा दो सेवानिवृत्त व छह प्राइवेट शिक्षक उठाते हैं । प्राइवेट शिक्षकों का वेतन यहां पढ़ने वाले बच्चों से लिए जाने वाले सहयोग राशि से दिया जाता है। विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर नहीं है। कड़ाके की ठंड में भी बच्चे टाइल्स युक्त फर्श पर बिना दरी व टाट के बैठते हैं । परिसर में इंडिया मार्क हैंडपंप भी नहीं है। एक देशी नल लगा है। बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। प्रयोगशाला के लिए कक्ष तो बना है। एक भी उपकरण मौजूद नहीं। यहां बच्चों से प्रयोग नहीं कराया जाता। जबकि यहां कक्षा बारह में विज्ञान वर्ग के 34 छात्र पंजीकृत हैं। मजे की बात तो यह है कि 1.12 लाख विद्युत बिल बकाए में स्कूल की लाइन भी डेढ माह से कट कर दी गई है । गणित एवं विज्ञान के शिक्षक न होने के कारण इन विषयों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
सिंगारजोत गांव स्थित परिषदीय विद्यालय के बदहाल शौचालय के अंदर फैली गंदगी ’जागरण
अध्यापकों की समस्या, फर्नीचर, प्रयोगशाला में उपकरण आदि के बारे में विभाग को कई बार लिखित सूचना दी गई है, पर अभी तक न तो सामान की व्यवस्था हो सकी और न इसके लिए कोई मद मिल सका ।
अशोक कुमार मिश्र, प्रधानाचार्य, राजकीय इण्टर कालेज पचमोहनी