न परीक्षा हुइ न ही मानक देखे गए। नियमों को ताख पर रखते हुए केआरपी की सूची जारी कर प्रशिक्षण पर भी भेज दिया गया। मानकों की अनदेखी होने पर शिक्षकों ने आवाज उठाते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर जांच कराने की मांग की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित निष्ठा योजना के क्रियान्वयन के लिए जिले में की रिसोर्स पर्सन (केआरपी) का चयन किया जा रहा है। केआरपी चयन के लिए मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बावजूद इसके डायट द्वारा नियमों को दरकिनार कर अपने चहेतों को केआरपी में चयनित कर लिया गया है। पिपराइच ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक महेन्द्र कुमार पटेल ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है।
प्राथमिक शिक्षा को सुदृढ़ व गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए निष्ठा योजना के तहत शिक्षकों को विषयवार प्रशिक्षित किए जाने की योजना है। प्रशिक्षण देने व उनका नियमित अनुश्रवण करने के लिए राज्य स्तर पर एसआरपी (स्टेट रिसोर्स पर्सन) व जिले स्तर विषयवार केआरपी (की रिसोर्स पर्सन) का चयन किया जाना था। इन पदों पर चयन के लिए शासन द्वारा न्यूनतम मानक निर्धारित किए गए थे। जिसके आधार पर आवेदन लेकर अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा कराकर मेरिट के अनुसार उनका चयन किया जाना था। चयन के लिए सितम्बर महीने में डायट द्वारा इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन भी मांगे गए थे लेकिन चयन के समय जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान द्वारा बिना परीक्षा कराए मनमाने ढंग से अपने चहेते शिक्षकों का चयनित कर केआरपी के प्रशिक्षण के लिए भेज भी दिया गया।
बोले आवेदनकर्ता
सभी मानक पूरा होने के बाद भी चयन नहीं किया गया। परीक्षा की तैयारी कर रहा था। बिना परीक्षा कराए ही सूची निकाल दी गई। सूची में ऐसे लोग शामिल है जो मानक पूरा नहीं कर रहे हैं। उम्र व अनुभव दोनों में मानक के विपरीत होते हुए भी चयन किया गया है।
महेन्द्र पटेल, आवेदनकर्ता
बोले डायट प्राचार्य
100 शिक्षकों की सूची भेजी जानी थी। केवल 61 शिक्षकों ने आवेदन किए थे। सभी आवेदनकर्ताओं की सूची एससीआरटी को भेज दी गई है। कुछ शिक्षक मानक पूरा नहीं कर रहे थे। उनके आवेदन के साथ मानक नहीं पूरे होने का विवरण लगाकर भेज दिया गया है।
जय प्रकाश, डायट प्राचार्य