नई दिल्ली : स्कूली बच्चों को मिड डे मील ही नहीं, नाश्ता भी मिलेगा
मानव संसाधन विकास मंत्रलय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, आने वाले बजट में इन प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। बच्चों को नाश्ते में क्या दिया जा सकता है, इसे लेकर भी राज्यों से सुझाव लिए जा रहे हैं। स्कूली बच्चों को नाश्ता देने का प्रस्ताव इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बड़ी संख्या में बच्चे बिना नाश्ता किए पढ़ने चले आते हैं। इस प्रकार वे मिड डे मील मिलने तक भूखे रह जाते हैं।
दूसरी तरफ, स्कूलों में खाना बनाने का काम शिक्षकों से छीनकर गैरसरकारी या स्वयंसेवी संस्थाओं को सौंपने की तैयारी है। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि मिड डे मील की जिम्मेदारी होने के कारण शिक्षक बच्चों की पढ़ाई पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में स्कूलों का लर्निग आउटकम (सीखने का स्तर) लगातार बिगड़ रहा है। यही वजह है कि सरकार अब शिक्षकों को सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई के काम में लगाए रखना चाहती है।